जश्ने ईद मिलादुन्नबी: विधायक अजय चंद्राकर ने मुस्लिम समाज को दिया पैगम्बर मोहम्मद साहब का संदेश, बोले कि…..

कुरूद : पैगम्बर मोहम्मद साहब का पंद्रहवी जन्म शताब्दी को पुरे शानों शौकत के साथ मनाते हुए मुस्लिम समाज कुरूद द्वारा नात ए रसूल पढते हुए भव्य जुलूस निकाला गया। जामा मस्जिद में परचम कुशाई की रश्म अदा सलातो सलाम का नजराना पेश किया गया.इस मौके पर सियासी दलों के नेता एवं गणमान्य नागरिकों ने मुसलमान भाईयों को जश्रे ईद मिलादुन्नबी की बधाई दी.
शुक्रवार सुबह दस बजे ईदगाह मैदान कुरूद से ईदमिलादुन्नबी का जुलुस हर्षोल्लास के साथ निकाला गया. जिसमें समाज के युवाओं ने हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर सारे जहाँ से अच्छा हिन्दूस्तां हमारा के तराने गए, साथ ही मरहबा या मुस्तफा आका की आमद मरहबा जैसे नात की सदाएं बुलंद की. रंग बिरंगे पोशाक में सजे छोटे बच्चों ने हाथ में परचम ए इस्लाम लेकर जूलूस में भाग लिया.
कारगिल चौक, सरोजनी चौक, पुराना बाज़ार होते हुए जुलूस जामा मस्जिद पहुंचा. जहाँ इमाम शेख अमानुल्ला कादरी, सदर अय्यूब खान, हाजी सुलेमान,  सै.हसन अली, गफ्फार हलारी, हकीम खान,शेख़ बब्बू, यूनूस भाई, शेख सहाबुद्दीन,अहमद खान आदि ने परचम ए इस्लाम फहराया.
 इसके पूर्व गुरुवार रात में महफ़िल ए नात का शानदार प्रोग्राम हुआ. जिसमें समाज के बच्चों और नवजवानों ने पैगम्बर साहब की शान में नात पेश की. शेख सरफराज की अगुवाई में यंग ग्रुप्स द्वारा इस बार भी मस्जिद में बेहतरीन सजावट की गई। क्षेत्रीय विधायक अजय चन्द्राकर ने अपने संदेश में बताया कि आज पैग़म्बर मोहम्मद साहब का जन्मदिन और शिक्षक दिवस एक ही दिन पड़ा है.
पैगम्बरे इस्लाम इंसानियत के लिए एक शिक्षक की तरह रहे, उन्होंने अपने जीवनकाल में ईल्म/ज्ञान, शिक्षा को बेहद तरजीह दी, आपने कहा था कि ईल्म हासिल करने के लिए चीन भी जाना पड़े तो जाओ। मोहम्मद साहब ने कहा था कि ईल्म हासिल करना हर मर्द-औरत पर फर्ज़ है, आलिम- ज्ञानी व्यक्ति की स्याही शहीद के खून से भी ज्यादा पाक है.
उन्होंने कहा था कि सबसे खुबसूरत चीज जो इंसान अपने पीछे छोड़ सकता है, वह ज्ञान है जो आपके मृत्यु के बाद भी काम करता है। यह उन्ही का कौल है कि यदि कोई युद्धबन्दी चार इंसान को पढ़ना-लिखना सीखा दे तो उसे आजादी दे दो, विद्वानों की एकमात्र विरासत ज्ञान है. पूर्व केबिनेट मंत्री श्री चन्द्राकर ने मुस्लिम समाज को जश्ने ईद-मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी.
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