राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके संबद्ध संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की आज शुक्रवार से तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक जोधपुर में शुरू हुई. अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ शताब्दी वर्ष समारोह, पंच परिवर्तन, नई शिक्षा नीति और जनजातीय क्षेत्रों में विकास तथा जनसंख्या असंतुलन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है.
अखिल भारतीय समन्वय बैठक की शुरुआत संगठन मंत्र के सामूहिक वाचन के साथ हुई. संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बैठक के पहले सत्र में भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए. राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी आज शाम को बैठक स्थल पर पहुंचे और वहां मौजूद वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की. सीएम भजनलाल वहां कुछ देर के लिए रहे और फिर जयपुर के लिए निकल गए.
तीन दिवसीय बैठक (5 से 7 सितंबर) में आरएसएस से प्रेरित 32 संगठनों के करीब 320 प्रमुख पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. बैठक के दौरान सालभर के कार्यों और उनके अनुभव साझा किया जाएंगे. साथ ही, पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, पर्यावरण अनुकूल जीवन, कुटुंब प्रबोधन, स्व आधारित रचना और नागरिक कर्तव्य पालन), संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कोशिशों पर चर्चा होगी.
बैठक के पहले दिन संघ से जुड़े अनुषांगिक संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए नए प्रयोगों के बारे में बताया. साथ ही अलग-अलग संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से आपस में चर्चा भी की गई.
प्रवेश द्वारों की विशेष रूप से की गई सजावट
कार्यक्रम स्थल को खासतौर पर सजाया गया है. यहां के प्रवेश द्वारों की विशेष रूप से साज सज्जा की गई है. यहां 500 साल पहले औपनिवेशिक ताकतों और मुगल शासकों के खिलाफ संघर्षरत भारतीय महिलाओं के योगदान को दर्शाते रानी अबक्का द्वार बनाया गया है. साथ ही हल्दीघाटी द्वार भी तैयार किया गया है. जबकि सभागार परिसर में मीराबाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए बलिदान देने वाली अमृता देवी की रंगोलियों से सज्जा की गई है.
संघ की इस समन्वय बैठक में सालभर किए गए कामों और अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ पंच परिवर्तन, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन, स्वआधारित रचना और नागरिक कर्तव्य पालन जैसे आरएसएस के अपने कोर एजेंडों को आगे बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की जा रही है. साथ ही संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के प्रयासों की समीक्षा भी की जाएगी.
बैठक शुरू होने से पहले राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संघ के अलग-अलग संगठनों द्वारा अपनी-अपनी भूमिका निभाई जा रही है और उसी बारे में चर्चा होगी.
राजस्थान के नेताओं की लगातार उपस्थिति
हालांकि संघ की ओर से आयोजित पूर्व की अन्य बैठकों की तुलना में इस बार समन्वय बैठक में बीजेपी के राजस्थान इकाई के नेताओं आना-जाना अधिक दिख रहा है. बैठक शुरू होने से दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आकर संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. दोनों के बीच 25 मिनट बैठक चली. बैठक शुरू होने के दिन आज सुबह बीजेपी राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष मदन राठौड़ भी आए. वह करीब 3 घंटे रहे.
राठौड़ के बाद शाम होते-होते राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा आए. सीएम भजन लाल ने ढाई घंटे से अधिक संघ समन्यवय बैठक स्थल पर रहे. हालांकि सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से संघ प्रमुख भागवत के बीच कोई बैठक नहीं हुई, बल्कि दोनों औपचारिकता बस बैठक स्थल पर पहुंचे थे.
अध्यक्ष के मसले पर क्या बोले सुनील आंबेकर
बैठक के बारे में जानकारी देने पहुंचे संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर से पूछा गया कि क्या संघ की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष के बारे में कोई चर्चा होगी तो उन्होंने साफ कहा कि वो लोग सक्षम है और अपना फैसला खुद करते हैं.
सरसंघचालक और सरकार्यवाह के अलावा बैठक में प्रमुख रूप से सभी 6 सहसरकार्यवाह भी मौजूद रहे. इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पार्टी के संगठन मंत्री बीएल संतोष, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार और संगठन मंत्री मिलिंद परांडे, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का और कार्यवाहिका ए. सीता गायत्री मौजूद रहे. इनके अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष राजशरण शाही और संगठन मंत्री आशीष चौहान, सक्षम के अध्यक्ष दयाल सिंह पवार और संगठन मंत्री चंद्रशेखर, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, संगठन मंत्री अतुल जोग और सीमा जागरण मंच के संयोजक मुरलीधर जैसे प्रमुख लोग भी मौजूद रहे.