हरदोई: जिले में गर्रा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिसके चलते बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है, इन गांवों में आवागमन भी प्रभावित हुआ है. सवायजपुर तहसील क्षेत्र के बाबरपुर गांव में एक मकान कटकर नदी में समा गया, जिससे ग्रामीणों ने अपने मकान स्वयं तोड़ने शुरू कर दिए हैं. गांव के ग्रामीण डरे और सहमें हुए हैं. तहसीलदार एवं बीडीओ भरखनी शनिवार को बाबरपुर गांव पहुंचे और यहां उन्होंने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों को मदद का भरोसा दिलाया.
ज्ञात हो कि गत वर्ष आई गर्रा नदी में बाढ़ से हरदोई जनपद के सैकड़ों गांवों में भीषण तबाही हुई थी, कई ग्रामीणों के मकान नदी में समा गए तथा सैकड़ों बीघा फसल भी बर्बाद हो गई. बाढ़ से हुई बर्बादी से ग्रामीण अब तक उबर नहीं पाए थे कि दोबारा बाढ़ आ गई. शुक्रवार को बाबरपुर गांव जिलाधिकारी अनुनय झा एवं पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन पहुंचे थे और नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण कर ग्रामीणों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया था. शुक्रवार-शनिवार की मध्य रात्रि में गर्रा नदी में अत्यधिक जल वृद्धि हुई, नदी का पानी बाबरपुर एवं कहरकोला गांव के अंदर तक पहुंच गया है. कहारकोला गांव को जाने वाले रास्ते पर पानी भरने से आवागमन बंद हो गया है.
पाली-शाहाबाद मार्ग की एक पुलिया भी आंशिक रूप से कट गई है. परेली गुजीदेई मार्ग पर पानी बह रहा है, परेली स्थित दुकानों एवं घरों में बाढ का पानी भर गया है. बाबरपुर गांव में नदी किनारे के मकानों में कटान शुरू हो गया है, यहां का एक मकान और कई पेड़ नदी में समा चुके हैं. नदी के किनारे पर बसे ग्रामीणों ने अब अपने मकान स्वयं तोड़ने शुरू कर दिए हैं, उनका कहना है कि कम से कम ईंटें तो बच जाएंगी अन्यथा नदी के कटान से कुछ नहीं बचेगा.
तहसीलदार सवायजपुर विनोद कुमार एवं खंड विकास अधिकारी भरखनी अशोक द्विवेदी अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ शनिवार सुबह बाबरपुर गांव पहुंचे और यहां उन्होंने बाढ़ के स्थिति का जायजा लिया. बोरियों में मिट्टी भरकर कटान वाली जगह पर लगाईं जा रही हैं, ताकि काटन को रोका जा सके. फिलहाल गर्रा नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं.