मैहर : विश्व प्रसिद्ध माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर में कल लगने वाले चंद्रग्रहण को लेकर विशेष धार्मिक व्यवस्था की गई है. ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. इस दौरान आदिकाल से चली आ रही परंपरा के अनुसार माँ शारदा दरबार में आरती और भोग अर्पित नहीं किए जाएँगे।माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर के प्रधान पुजारी श्री श्री 1008 पवन महाराज जी ने जानकारी दी कि सूतक काल शुरू होने के साथ ही मंदिर में पूजा-पाठ, आरती और भोग का क्रम स्थगित कर दिया जाता है.
क्योकि चंद्र ग्रहण रात्रि 9:57 मिनट से शुरू होगा और सूतक 9 घंटे पूर्व सूतक लग जाता है हालांकि श्रद्धालु माँ शारदा के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन परंपरागत रीति के अनुसार किसी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं होगी.ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहण काल में सूतक लगते ही मंदिरों में पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान बंद कर दिए जाते हैं.
ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर परिसर की शुद्धि और स्नान आदि विधियाँ पूरी की जाती हैं. इसके बाद ही पुनः आरती और भोग का क्रम शुरू होता है.माँ शारदा धाम में हर अमावस्या, ग्रहण और विशेष अवसरों पर इसी परंपरा का पालन किया जाता है. माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर के प्रधान पुजारी श्री श्री 1008 पवन महाराज जी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए नियमों का पालन करें.