गाजियाबाद में शुरू हो रही है केमिकल लेबोरेटरी, पानी-फूड से लेकर सीमेंट-प्लास्टिक और खाद तक की होगी जांच

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) की शुरुआत होने जा रही है. 10 सितंबर को इस एडवांस केमिकल लेबोरेटरी का उद्घाटन किया जाएगा. इस लेबोरेटरी में कई चीजों की जांच बहुत ही आसानी से की जा सकेगी. इनमें पानी-फूड से लेकर सीमेंट-प्लास्टिक और खाद जैसी शामिल हैं. NABL की तरफ से माप्न्यता प्राप्त यह लेबोरेटरी एडवांस है. खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में यह लेबोरेटरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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गाजियाबाद की इस लेबोरेटरी में पैक किया गया भोजन, पेयजल और प्राकृतिक खनिज जल, डिब्बाबंद खाद्य सामग्री, एल्युमीनियम और तांबे से बने एनामेल्ड और इंसुलेटेड तार, कोयला, पेट्रोलियम कोक, बिटुमेन, एनामेल पेंट, एंटी-स्किड उत्पाद, रेत और बजरी जैसी चीजों की जांच की जाएगी.

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री प्रह्लाद जोशी 10 सितंबर को राष्ट्रीय परीक्षण शाला की शुरुआत करेंगे. प्रयोगशाला को ISO/IEC 17025:2017 के अंतर्गत NABL की तरफ से मान्यता दी गई है. इसके साथ ही भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) बाह्य प्रयोगशाला योजना, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), और उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के अंतर्गत मान्यता दी गई है.

एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है लेबोरेटरी

यह पूरी लेबोरेटरी एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है. यहां परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोमीटर (AAS), इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा-परमाणु उत्सर्जन स्पेक्ट्रोस्कोपी (ICP-AES), ऑप्टिकल उत्सर्जन स्पेक्ट्रोमीटर (OES), गैस क्रोमैटोग्राफी-मास स्पेक्ट्रोमेट्री (GC-MS), उच्च-प्रदर्शन द्रव क्रोमैटोग्राफी (HPLC), और आयन क्रोमैटोग्राफी शामिल हैं. इसके होने से विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और ट्रेनिंग में मदद होगी. इससे वैज्ञानिक और औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होता है.

आने वाले समय में जांच का बढ़ाया जाएगा दायरा

इसके अलावा, लेबोरेटरी, का टारगेट अपने टेस्टिंग के दायरे को और बढ़ाना है. कुछ प्रमुख योजनाओं में फोर्टिफाइड खाद्य उत्पादों जैसे फोर्टिफाइड गेहूं का आटा, मैदा, मेवे, खाद्य तेल और विटामिन ए और डी से भरपूर नमक के परीक्षण की सुविधाएं शामिल हैं. ताकि उद्योग के साथ-साथ आम जनता को भी लाभ मिल सके.

प्रयोगशाला विभिन्न मसालों का टेस्टिंग शुरू करने और खाद्य उत्पादों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का विश्लेषण करने की भी योजना बना रही है, जिससे जन स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन में इसका योगदान बढ़ेगा.

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