जमुई : बरहट थाना क्षेत्र के कद्दुआतरी गाँव में पुलिस द्वारा की गई छापेमारी और कथित उत्पीड़न की जांच को लेकर भाकपा (माले) का पाँच सदस्यीय जांच दल रविवार को गाँव पहुँचा.जांच दल का नेतृत्व जिला सचिव शम्भू शरण सिंह कर रहे थे.उनके साथ युवा नेता बाबू साहब सिंह, आदिवासी संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक कालू मरांडी, बासुदेव रॉय, मो. हैदर और किरण गुप्ता शामिल थे.
गाँव में दर्जनों महिला-पुरुषों से बातचीत में ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई पर गंभीर आरोप लगाए. ग्रामीण रोहित सोरेन ने बताया कि “4 सितम्बर को जब पूरा गाँव कर्मा पूजा की तैयारी में था, तभी बरहट थाना और डायल-112 की पुलिस टीम गाँव पहुँची. पुलिस ने मेरे और नरेश टुडू के घर में शराब की तलाश की, लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ. पूजा के मौके पर जब सभी लोग साफ-सफाई कर रहे थे, तब पुलिस द्वारा इस तरह की कार्रवाई अनुचित है. वहीं आरती हेम्ब्रम ने कहा कि एक महीने पूर्व भी पुलिस ने शराब के बहाने छापेमारी की थी और घर से 4,000 रुपये तथा रोहित सोरेन का मोबाइल ले लिया था.
जाँच दल का नेतृत्व कर रहे जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने कहा कि “यह घटना अत्यंत निंदनीय है. पुलिस जनता की मित्र होने के बजाय दलितों-आदिवासियों को झूठे आरोपों में फंसा रही है और घरों में घुसकर रुपए-पैसे व सामान जब्त कर रही है. यह वर्दी के आड़ में डकैती है, जिसे भाकपा (माले) कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.”माले नेता कालू मरांडी और बाबू साहब सिंह ने आरोप लगाया कि बरहट पुलिस स्थानीय चौकीदार के जरिए शराब माफियाओं से मिलीभगत करती है. मोटी रकम लेकर शराब कारोबार को संरक्षण देती है, जबकि गरीब और निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फँसाती है.
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 13 ग्रामीणों का उक्त मामले से कोई लेना-देना नहीं है. पूरी कार्रवाई से गाँव में भय और दहशत का माहौल है.भाकपा (माले) जिला प्रशासन से माँग करती है कि कद्दुआतरी गाँव में घटी घटना की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाए, दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और निर्दोष ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएँ.