तेलंगाना के निर्मल जिले में एक घटना ने इंसानियत और ईमानदारी की मिसाल पेश की। यहां एक महिला का 16 लाख रुपये मूल्य के सोने, नकदी और पहचान पत्रों से भरा बैग सड़क पर गिर गया। बैग मिलने पर एक ऑटो चालक ने बिना लालच किए उसे उसकी मालकिन तक पहुंचा दिया। इस नेक कार्य के बाद पूरे इलाके में उसकी जमकर तारीफ हो रही है।
काडेम इलाके की रहने वाली सुजाता, जो निर्मल में स्वास्थ्य सहायक के पद पर कार्यरत हैं, अपनी बेटी की शादी की तैयारी कर रही थीं। शनिवार शाम वह अपने बेटे के साथ बाइक से खानपुर की ओर जा रही थीं। उन्होंने 16 तोले सोने के गहने, नकदी और पहचान पत्रों से भरा बैग बाइक पर बांधा था। रास्ते में लापरवाही के कारण बैग कोंडापुर बाईपास पर गिर गया और उन्हें इसका पता भी नहीं चला।
इसी दौरान, राचापुर गांव का ऑटो चालक साईकुमार अपने यात्रियों को लेकर गुजर रहा था। वड्याल गांव की महिला यात्री सौजन्या ने सड़क पर पड़े बैग को देखा और ऑटो चालक को बताया। साईकुमार ने बैग उठाकर अपने घर ले गया ताकि सुरक्षित रखा जा सके। बाद में सोशल मीडिया पर सोना और नकदी के बैग के गायब होने की सूचना वायरल हुई। सौजन्या ने अपने पति के जरिए साईकुमार तक खबर पहुंचाई।
रविवार को साईकुमार ने बैग की मालकिन सुजाता से संपर्क किया और सोना, नकदी और दस्तावेज सही-सलामत लौटा दिए। बैग वापस पाकर सुजाता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव वालों ने भी साईकुमार की ईमानदारी और नेकदिल स्वभाव की जमकर प्रशंसा की।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आज के समय में भी ईमानदारी जिंदा है। जहां पैसों और लालच के चलते लोग गलत रास्ता चुन लेते हैं, वहीं साईकुमार जैसे लोग समाज में विश्वास और भरोसा कायम करते हैं। स्थानीय लोगों ने साईकुमार को सम्मानित किया और उसे सच्ची इंसानियत का प्रतीक बताया।
ऑटो चालक की इस ईमानदारी भरी मिसाल से पूरे इलाके में सकारात्मक संदेश गया है कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और भरोसा ही समाज की असली ताकत।