अयोध्या: लंका विजय के लिए रामसेतु निर्माण की कथा में अपनी छोटी-सी परंतु अमूल्य भूमिका निभाने वाली गिलहरी को अब रामजन्मभूमि परिसर में विशेष स्थान मिला है। राम मंदिर ट्रस्ट ने इस गिलहरी को अंगद टीले पर स्थापित किया है, जहां से वह मानो गर्व से भव्य मंदिर की ओर निहार रही है.
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या पहुंचकर जानकारी दी कि मंदिर अब अपनी पूर्णता की ओर है और अगले चरण में निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांच शुरू होगी.
सुरक्षा पर खास ध्यान
भव्य राम मंदिर परिसर की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चार किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवॉल के पास 25 वॉच टॉवर बनाए जाएंगे. साथ ही, पुलिस बूथों को भी रणनीतिक स्थानों पर स्थापित करने की योजना है. इसको लेकर जिला प्रशासन के साथ विस्तृत बैठक होगी.
पर्यटन नगरी बनेगी अयोध्या
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि रामलला के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को अयोध्या में और भी आकर्षण मिलें, इसके लिए शहर को “पर्यटन की सर्वोत्तम नगरी” बनाने की रूपरेखा पर काम होगा. संग्रहालय में रामायण की मूल प्रतियां रखी जाएंगी, जिसके लिए सभी राज्यों से सहयोग मांगा गया है.
गेट नंबर 11 पर काम तेज
मंदिर के गेट नंबर 11 का निर्माण कार्य 15 अक्तूबर तक पूरा कर उसका नामकरण भी कर दिया जाएगा.
विशेष आकर्षण: रामसेतु की गिलहरी, जिसने बेजोड़ समर्पण का उदाहरण दिया था, अब भव्य राम मंदिर में स्थायी रूप से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनेगी.