उत्तर प्रदेश के अमेठी में सरैया बड़गांव निवासी प्राइवेट शिक्षक मंजेश मौर्य की पत्नी वंदना से सोमवार शाम हुई लूट का रहस्य अब भी कायम है. पिस्टल दिखाकर सात लाख के आभूषण और 10 हजार रुपये ले जाने की वारदात में पुलिस अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. 24 घंटे बाद मंगलवार देर शाम मुकदमा दर्ज हुआ. हालांकि पुलिस मामले को संदिग्ध मान रही है.
पुलिस के मुताबिक घर पर लगा सीसीटीवी कैमरा 5:02 बजे अचानक बंद हो गया और महज तीन मिनट बाद वंदना ने पति को घटना की जानकारी दी. इतने कम समय में वारदात होना पुलिस के लिए पहेली बन गया है. पीड़ित पक्ष ने बड़गांव चौराहे पर लगे कैमरे की फुटेज पुलिस को सौंपी, जिसमें दो बाइक सवार युवक जाते दिखे. मगर जांच में वह फुटेज चार सितंबर की निकली.
परिजनों का कहना है कि कैमरे की सेटिंग बिगड़ने से तारीख गलत है. उनका दावा है कि फुटेज घटना के बाद की ही है और वंदना ने उसमें दिखे युवक को पहचान भी लिया है। पुलिस का तर्क है कि वारदात वास्तविक होती तो आरोपी कैमरा बंद करने से पहले उसमें कैद होते और डीवीआर भी उठा ले जाते। ऐसा न होना कई सवाल खड़े कर रहा है. साथ ही वंदना के बयान बदलने से पुलिस की शंका और बढ़ गई है. इंस्पेक्टर अखिलेश सिंह ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है. अभी तक मिले तथ्यों में विरोधाभास है. जांच के प्रकाश में आने वाले तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी.
संग्रामपुर के सरैया बड़गांव निवासी मंजेश मौर्य की पत्नी वंदना सोमवार को घर पर अकेली थी. मां रामपति किसी परिचित के घर गई थीं. दोपहर करीब 12 बजे दो नकाबपोश युवक बाइक से पहुंचे और जल निगम कर्मचारी बनकर पानी का कनेक्शन व टोंटी लगाने की बात कहकर घर में दाखिल हो गए. अंदर पहुंचते ही उन्होंने पिस्टल तान दी और सीसीटीवी कैमरा बंद कराकर वंदना से लूटपाट कर भाग निकले.