खबर उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में चिरगांव क्षेत्र के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा से है. यहां पर एक ऐसी रहस्यमयी घटना सामने आई है, जिसने पूरे गांव को दहशत और अचंभित कर दिया है. यहां रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग सीताराम को एक ही सांप अब तक 14 बार सांप डस चुका है. सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि हर बार बचने के बाद भी वो सांप हर तीन साल में बुजुर्ग को अपना शिकार बनाता है.
अब जबकि सीताराम की उम्र ढल चुकी है लेकिन सांप का लगातार पीछा करना रहस्य और अंधविश्वास दोनों को हवा दे रहा है. सीताराम का कहना है कि जब वह करीब 35 साल के थे तभी सांप ने उन्हें पहली बार काटा था. उस समय गांव के वैद्य ने उनका इलाज किया और वह मौत के मुंह से बाहर निकल आए. लेकिन इसके बाद से मानो उनके जीवन में यह कोई श्राप सा बन गया हो.
सीताराम का कहना है कि हर तीन साल बाद एक ही सांप उन्हें डस कर जाता है. हैरत की बात यह है कि हर बार डसे जाने के बावजूद वह जिंदा बच जाते हैं. गांववालों के बीच इस घटना को लेकर तरह-तरह की कहानियां गढ़ी जा रही हैं. कोई इसे नाग-नागिन का बदला बता रहा है तो कोई इसे पिछले जन्म का पाप मान रहा है. वहीं, कुछ ग्रामीण इसे पुनर्जन्म की दुश्मनी का नाम दे रहे हैं. मंदिर परिसर में तो चर्चा इस हद तक फैल गई है कि लोग अब सीताराम को ‘नागों का शिकार’ कहकर पुकारने लगे हैं.
सांप ने पैरों पर किया वार
ग्रामीणों से जब इस घटना कि बात की तो घटना का ताजा किस्सा उस समय का है जब सीताराम खेड़ापति हनुमान मंदिर में दर्शन करने गए थे. अचानक मंदिर परिसर में झाड़ियों के बीच से सांप निकला और फुंकार भरते हुए सीताराम के पैर पर वार कर दिया. इस बार का मंजर देख ग्रामीण सन्न रह गए. किसी ने दौड़कर डंडा उठाया तो कोई मंत्र-जाप करने लगा. आनन-फानन में सीताराम को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें स्थिर बताया.
‘नागिन सीरियल का असली किस्सा’
अब इस अजीबोगरीब घटना ने पूरे गांव को अंधविश्वास के भंवर में डाल दिया है. कुछ महिलाओं का कहना है कि यह नागिन का बदला है, जबकि कुछ बुजुर्ग इसे पिछले जन्म का हिसाब-किताब बता रहे हैं. वहीं. कुछ युवक इसे फिल्मी अंदाज में ‘नागिन सीरियल का असली किस्सा’ कहकर मजाक भी बना रहे हैं. लेकिन डर इतना है कि अब गांव वाले सीताराम के पास अकेले बैठने से भी कतराने लगे हैं.
‘अब डर नहीं लगता मुझे’
वहीं, अगर हम डॉक्टरों की मानें तो सीताराम का बार-बार बचना उनकी किस्मत और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का नतीजा है. हालांकि. वैज्ञानिक कारणों को नजरअंदाज कर ग्रामीण इसे रहस्यमयी चमत्कार मान रहे हैं. अब यह कहानी गांव की चौपाल से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बन चुकी है. फिलहाल, सीताराम का कहना है- मैंने जिंदगी का लंबा सफर तय कर लिया, अब डर नहीं लगता, लेकिन समझ नहीं आता कि यह सांप आखिर मेरा पीछा क्यों कर रहा है?