सूरजपुर : सोचिए… दिन भर की मेहनत के बाद शाम को मोबाइल पर एक मैसेज आता है—“आपका खाता ब्लॉक हो गया है, तुरंत लिंक पर क्लिक करें” और आप जैसे ही क्लिक करते हैं, सेकेंडों में आपकी पूरी जमा-पूंजी गायब.यही खौफनाक सच है साइबर अपराध का.सोमवार को रेवती रमण मिश्र महाविद्यालय में आयोजित सड़क सुरक्षा, नशा मुक्ति और साइबर अपराध से बचाव सेमिनार में सूरजपुर कलेक्टर एस. जयवर्धन और डीआईजी/एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने छात्रों को सचेत करते हुए कहा—“ठगी का शिकार होते ही बिना देर किए 1930 पर कॉल करें, वरना मेहनत की कमाई पलभर में साफ होजाएगी.”
कलेक्टर ने छात्रों को समझाया कि कमजोर पासवर्ड, ओटीपी साझा करना और किसी भी लालच में आकर ऑनलाइन लेन-देन करना दरअसल साइबर ठगों को खुला न्योता देना है। उन्होंने कहा कि ठगी के मामलों में समय पर की गई शिकायत से ही रकम वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है.वहीं डीआईजी/एसएसपी ने चेतावनी दी—“साइबर ठग रोज नए-नए हथकंडे अपनाते हैं, उनका जाल हर दिन और खतरनाक होता जा रहा है। सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है.
कार्यक्रम में नशे और यातायात नियमों की अनदेखी से होने वाले खतरों पर भी चर्चा की गई. छात्रों से अपील की गई कि वे नशे से दूर रहकर पढ़ाई और खेलों में अपने परिवार, जिला और देश का नाम रोशन करें। यातायात नियमों का पालन कर सुरक्षित सफर को आदत बनाएं.
इस मौके पर साइबर सुरक्षा, नशा मुक्ति और सड़क सुरक्षा पर आयोजित पोस्टर, भाषण, नारा लेखन और निबंध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को कलेक्टर और एसएसपी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.मंच पर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष यशवंत सिंह, सीएसपी एस.एस. पैंकरा, थाना प्रभारी विमलेश दुबे, बालक महाविद्यालय के प्राचार्य एच.एन. दुबे, कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य बृजलाल साहू, प्रोफेसर सी.बी. मिश्र समेत शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.
अंत में अधिकारियों का संदेश बिल्कुल साफ था—
“साइबर अपराधी अदृश्य दुश्मन हैं, लेकिन अगर आप सतर्क और जागरूक हैं तो उनकी सबसे बड़ी चाल भी आपके सामने बेअसर साबित होगी.