पटना में बीजेपी दफ्तर के बाहर सर्वेक्षण कर्मियों पर लाठीचार्ज, नियमित करने की मांग तेज

पटना में मंगलवार को बीजेपी दफ्तर के बाहर खासा हंगामा देखने को मिला। विशेष सर्वेक्षण कर्मी अपनी नौकरी को नियमित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि एक प्रदर्शनकारी के सिर पर गंभीर चोट आई है और उसे तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा।

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सर्वेक्षण कर्मियों का कहना है कि वे लंबे समय से अस्थायी आधार पर काम कर रहे हैं। सरकार से कई बार अपील करने के बावजूद उनकी सेवाओं को नियमित नहीं किया गया। इसको लेकर वे मजबूर होकर सड़क पर उतरे। उनका आरोप है कि सरकार सिर्फ आश्वासन देती रही है, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए।

प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर के बाहर नारेबाजी की और सरकार से अपनी मांगें पूरी करने को कहा। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, जिसके बाद झड़प की स्थिति पैदा हो गई। हालात काबू से बाहर जाते देख पुलिस ने लाठियां बरसाईं। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई और कई लोग घायल हो गए।

घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रख रहे सर्वेक्षण कर्मियों पर बल प्रयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं, सरकार का पक्ष है कि प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और सुरक्षा व्यवस्था भंग करने की कोशिश की, जिसके कारण कार्रवाई करनी पड़ी।

विशेषज्ञों का कहना है कि सर्वेक्षण कर्मियों का मुद्दा लंबे समय से चला आ रहा है। उन्हें अस्थायी नौकरी पर रखा गया था, लेकिन अब उनकी मांग है कि उन्हें स्थायी किया जाए। इसको लेकर सरकार को स्पष्ट नीति बनानी होगी।

कुल मिलाकर पटना की यह घटना सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। सर्वेक्षण कर्मियों का आंदोलन और उस पर हुई पुलिस कार्रवाई आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को और गरमा सकती है।

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