छत्तीसगढ़ की राजनीति में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और कांग्रेस की आमसभा का एक वीडियो इन दिनों चर्चा में है। बिलासपुर में आयोजित कांग्रेस के कार्यक्रम में भाषण के दौरान उनका माइक अचानक छीन लिया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे भाजपा ने कांग्रेस पर आदिवासी नेता का अपमान बताकर साझा किया।
अमरजीत भगत ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाहरी लोग छत्तीसगढ़ की संस्कृति और आदिवासी परंपराओं से अनजान होते हैं, इसलिए ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर किया गया कदम नहीं था और उन्होंने माफ कर दिया है। लेकिन साथ ही तंज कसते हुए कहा कि यदि भाजपा को लगता है कि उनका अपमान हुआ है तो वे सम्मान सभा आयोजित करें और उन्हें बड़े-बड़े माला पहनाकर सम्मानित करें।
कांग्रेस की सभा में यह घटना तब हुई जब भगत अपने भाषण के दौरान जल, जंगल और जमीन जैसे मुद्दों पर बोलना चाहते थे, लेकिन समय की कमी के चलते उनका भाषण बीच में ही रोक दिया गया। उनका कहना है कि आगे वे इन मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे।
भाजपा नेताओं ने इस घटना को आदिवासी समाज का अपमान करार दिया है। मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि कांग्रेस का आदिवासी नेताओं से मोहभंग हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में आदिवासी नेताओं को महत्व नहीं दिया जाता और यह घटना इसका स्पष्ट उदाहरण है।
भाजपा ने वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा कि कांग्रेसियों की आदत है अपनी नाव को खुद छेदने की। वीडियो के जरिए उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है और कांग्रेस अपने ही नेताओं की आवाज दबा रही है।
इस पूरे प्रकरण ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। एक ओर भाजपा इसे आदिवासी अपमान बता रही है तो दूसरी ओर अमरजीत भगत इसे हल्का मुद्दा मानकर माफी की बात कह रहे हैं। हालांकि उनके तंज भरे बयान ने राजनीतिक गर्मी और बढ़ा दी है।