CM से मिले मंत्री, नाराजगी जताई; कहा- अधिकारियों की सुनवाई नहीं होती, CM बोले अलग से करेंगे चर्चा

ग्वालियर की टूटी सड़कें, उफनते सीवर (नाले) और अंधेरे जैसी बदहाली से जनता तो लंबे समय से कराह ही रही थी, अब इस अव्यवस्था के आगे सरकार की लाचारी भी सामने आ गई है. भोपाल में मंगलवार को कैबिनेट बैठक के ठीक बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के साथ शुरू हुई अनौपचारिक बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) का इस मामले पर गुस्सा फूट पड़ा. तोमर ने कहा कि ग्वालियर शहर की हालत नरक जैसी हो गई है. हर तरफ अव्यवस्था का आलम है. न नगर निगम के कमिश्नर सुन रहे और न ही कलेक्टर. मुख्यमंत्री सचिवालय (सीएमओ) के अलावा कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

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छा गया था सन्ना

ऊर्जा मंत्री तोमर के अचानक इस तरह बोलने से वहां सन्नाटा छा गया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन्हें रोकते हुए कहा कि हम लोग इस बारे में अलग से केबिन में बात कर सकते हैं, लेकिन ऊर्जा मंत्री तोमर नहीं रुके. वे शहर की बदहाली और अपनी बेबसी पर बोलते रहे. मुख्यमंत्री ने इस बारे में जब ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से पूछा तो उन्होंने भी ऊर्जा तोमर का समर्थन किया और कहा कि वाकई ग्वालियर की स्थिति सही नहीं है.

जगह-जगह गंदगी के ढेर

तोमर ने शिकायती लहजे में कहा कि ग्वालियर की सड़कों पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि लोगों का चलना मुश्किल हो गया है. स्ट्रीट लाइट बंद होने से मेन रोड व गली-मोहल्लों में अंधेरा पसरा रहता है. सफाई व्यवस्था की प्रॉपर मॉनिटरिंग न होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं. लोगों को सुविधाएं देना हमारी जिम्मेदारी है. प्रदेश सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.

सीवर व्यवस्था को लेकर हुए तोमर हुए आक्रामक

सूत्रों के अनुसार, प्रभारी मंत्री सिलावट के यह कहने के बाद तोमर फिर बोल पड़े. उन्होंने कहा कि ग्वालियर शहर में सीवर की स्थिति बड़ी दयनीय है. सड़कों पर पानी फैल रहा है. सीवर के चेंबर खुले पड़े हैं और अधिकारी कुछ कर नहीं रहे. अगर हम कुछ करेंगे तो पार्टी फोरम का मामला बन जाएगा. तोमर ने आक्रामक अंदाज में कहा कि हमारे पास कोई चारा नहीं बच रहा. इस पर सीएम ने दोबारा कहा कि अलग से बात करेंगे.

100 करोड़ का मांगा पैकेज

बातचीत के ही दौरान बिगड़ी हुई व्यवस्थाओं को बनाने के लिए ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री से शहर के लिए विशेष पैकेज के तौर पर 100 करोड़ रुपये देने की भी मांग कर डाली. यह सुन मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि तोमर ने जितनी बातें की हैं, उन्हें देख लीजिए.

ऊर्जा मंत्री की कैबिनेट में नाराजगी के बाद इस मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक भी हुई. सूत्रों का कहना है कि जल्द ही अधिकारियों की एक टीम ग्वालियर जाकर सभी बातों की स्थिति को जानेगी.

मंत्री ने खुद देखे ग्वालियर के हालात

यहां बता दें ग्वालियर की टूटी सड़कें और नव निर्मित सड़कों के धसकने से उनमें निकल रही सुरंगों की चर्चा देशभर में हो गई है. खुद ऊर्जा मंत्री तोमर पिछले दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों पर निकले तो लोगों ने उन्हें नरकीय हालत दिखाए कि किस तरह से घरों में पानी भरा है और सड़कों पर गड्ढों के अलावा कुछ नहीं है.

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