यूपी: एक नाम से 6 जिलों में नौकरी, महीनों सैलरी उठाई, अब बांदा वाला अर्पित हुआ गायब… CMO ने शासन को भेजी रिपोर्ट

यूपी के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने पूरे महकमे में हड़कंप मचा दिया है. आरोप है कि एक ही नाम से कई जिलों में नौकरी कर ठगी की गई. इतना ही नहीं कई महीनों तक सैलरी भी उठाई गई. लेकिन खुलासा होने के बाद से बांदा जिले में कार्यरत रहा आरोपी अर्पित सिंह फरार हो गया है.

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फर्जीवाड़े से हिला स्वास्थ्य विभाग

 

दरअसल, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में 2016 की एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में घोटाले से हड़कंप मचा हुआ है. आरोप है कि एक ही नाम से कई जगहों पर फर्जी नियुक्तियां हासिल कर लीं गईं, जिससे विभागीय अफसर भी हैरान हैं. बांदा के नरैनी स्थित सीएचसी में अर्पित सिंह नाम का शख्स करीब 8 महीने तक एक्स-रे टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था. उसने यहां से सैलरी भी उठाई और अचानक फरार हो गया. अब इस मामले की विभागीय जांच के साथ-साथ सरकारी एजेंसी भी जांच कर रही हैं. बांदा के सीएमओ विजेंद्र कुमार ने पूरी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है.

जानकारी के मुताबिक, अर्पित सिंह पुत्र अनिल कुमार नाम के इस शख्स ने बांदा समेत यूपी के कई जिलों में एक्स-रे टेक्नीशियन की नौकरी हासिल की. बताया गया है कि उसने हर जगह अलग-अलग आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लगाए थे. हर जगह नौकरी करते हुए उसने सैलरी भी उठाई.

जिले के नरैनी सीएचसी में करीब 7-8 महीने काम करने के बाद वह अचानक लापता हो गया और अब तक फरार है. इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब शासन ने जांच शुरू की और सीएमओ से रिपोर्ट मांगी गई.

 

जांच के बाद होगी कार्रवाई

 

नरैनी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विकास यादव ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली थी और उन्होंने सीएमओ को पूरी डिटेल उपलब्ध करा दी है. सीएमओ के मुताबिक, शासन के निर्देश पर जांच कराई गई है और उसकी पूरी डॉक्यूमेंट फाइल और जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है. उन्होंने यहां उसकी नौकरी की पुष्टि भी की है. इस मामले में अब आगे की कार्रवाई शासन के स्तर से ही की जाएगी.

बताया जा रहा है कि अर्पित सिंह नाम से अलग-अलग व्यक्तियों ने बलरामपुर, फर्रुखाबाद, रामपुर, बांदा, अमरोहा और शामली में एक्स-रे टेक्नीशियन की नौकरी हासिल कर ली. सभी ने अलग-अलग आधार कार्ड, पते और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नियुक्ति पाई और फिर सालों तक सरकारी सेवा में सैलरी उठाई.

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