मिर्जापुर: साइबर ठगी को लेकर नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं तो वहीं नित्य नए-नए मामले सामने आते रहते हैं. इससे सुरक्षित रहने के लिए डिजिटल–मीडिया और अन्य प्लेटफार्म के द्वारा ठगो से बचने की हिदायत भी दी जाती है. बावजूद इसके ठगों के छलावे में आकर लोग बहक जाते हैं. जी हां! हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर जिले से हुए तकरीबन 200 करोड रुपए की साइबर ठगी की. जिसमें शिकायत के बाद भी ठगों पर ठोस कार्रवाई के बजाए इलाकाई पुलिस मेहरबान बनी हुई है. अकेले मिर्जापुर जिले में ही सैकड़ों की संख्या में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की गई है.
यहां ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के ठगों के द्वारा सतर्क होते ही रफू चक्कर हो गए. बताया जा रहा है कि MM कंपनी के ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर ₹1 लगाओ ₹100 कमाओ का लालच देकर लोगों से पैसा इन्वेस्ट करने के लिए मिर्जापुर में MM कंपनी ने यहां के स्थानीय कई लोगों को कर्मचारी के रूप में बकायदे नियुक्त किया था, जिसका आई कार्ड, उनकी नियुक्ति का प्रमाण पत्र उन्हें दिया गया था. जिसे शिकायतकर्ता के द्वारा प्रमाणित रूप से थाने में दिया गया है. बावजूद इसके कार्रवाई के नाम पर अभी तक नतीजा सिफर है.
एक शिकायतकर्ता ने बताया कि मिर्जापुर में एम.एम. कंपनी के नाम से एक ऑनलाइन वेबसाइट लॉन्च की गई, जिसका नारा था ₹1 लगाओ, ₹100 कमाओ. इसी लालच में हजारों लोगों ने दांव लगा दिया और फंस गए झांसे में. बताया जाता है कि कंपनी में स्थानीय कर्मचारियों को दिल्ली से ट्रेनिंग देकर बाकायदा आईडी कार्ड जारी किए गए और लोगों को यह विश्वास दिलाया गया कि यह अर्ध-सरकारी संस्था है, जो आरबीआई और जीएसटी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक काम करती है.
पीड़ित लोगों द्वारा बताया गया कि उनका जो भी पैसा आता था वह जीएसटी काटकर ही मिलता था. ऐसे में किसी को लुटने का तनिक भी आभास होने नहीं पाया था. फ्रॉड कम्पनी द्वारा स्थानीय लोगों को फ्रंटलाइन पर रखा गया, ताकि वह लोगों का भरोसा मजबूत कर सके और लंबा इन्वेस्ट करा सकेंगे. इस तरह से हजारों निवेशकों से धीरे-धीरे लगभग 200 करोड़ रुपये इन्वेस्ट कराकर कमाने का लालच दिया गया और जैसे ही ठगी का भंडाफोड़ होने लगा, तो कंपनी के संचालक ने एक बड़ा ऑफर देकर लोगों से बड़ा पेमेंट निवेश कराते हुए सुनिश्चित समय में रफ़ू चक्कर हो गए.
शिकायतकर्ता की मानें तो पुलिस को पहले से ही इस ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉजिट ठगी की जानकारी थी, लेकिन तत्काल कार्रवाई नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि 9 जुलाई को कटरा कोतवाली प्रभारी अजीत सिंह एक आदेश पर कांस्टेबल मनोज यादव व अन्य सिपाहियों के द्वारा आरोपी राजू अग्रहरि उर्फ मनोज अग्रहरि को कोतवाली में बैठाया गया था, जहां ऑनलाइन गेम को संचालित करने वाले वेबसाइट को संचालित मोबाइल पुलिस ने जब्त किया था, मगर आरोपी को आश्चर्यजनक रूप से उसे मुचलके पर छोड़ दिया गया.
वही सूत्रों की मानें तो साइबर क्राइम की जानकारी कटरा कोतवाली पुलिस को साइबर क्राइम शाखा के एक कांस्टेबल ने जांच कर के इस नेटवर्क की पूरी जानकारी दी थी, तो फिर भी पुलिस ने मुख्य आरोपियों को पकड़ने की बजाय सिर्फ एक आरोपी रूपेश खत्री को ही गिरफ़्तार किया. जिस पर आरोप है कि मिर्जापुर में वेबसाइट लॉन्च कराने में इसकी सीधी भूमिका थी और अन्य आरोपियों को खुलेआम छोड़ दिया गया है.
पुलिस आश्वासन दे रही है, आरोपी खुलेआम घूम रहे
कटरा कोतवाली के भैंसैया टोला निवासी आलोक श्रीवास्तव उर्फ बच्चा ने पुलिस को इस मामले में लिखित तहरीर दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि 3 जुलाई 2025 से 20 जुलाई 2025 के बीच मनोज अग्रहरि और रिंकू यादव निवेशकों को भरोसा दिलाने और गारंटी देने वालों ने उन्हें यह कहकर ₹ 3,50,000 निवेश करने पर भरोसा दिलाया कि कंपनी सरकारी गाइडलाइन के अनुसार काम कर रही है और मोटा मुनाफा देगी. पैसा डूबेगा नहीं, उसकी जिम्मेदारी हमारी है, लेकिन अचानक कम्पनी का ऐप बंद हो गया और इसके बारे में जब इन लोगों से बात की गई तो अंश अग्रहरि और भाई साहिल अग्रहरि पुत्र मनोज अग्रहरि उर्फ राजू पावरोटी वाले व रिंकू यादव ने बताया कि एप में अभी कुछ टेक्निकल इश्यूज चल रहे हैं, जिसे लेकर आईटी सेक्टर में वर्क चल रहा है.
जल्द ही एक दो दिन में ऐप सही हो जाएगा तो सभी निवेशकों का समय पर पैसा दे दिया जाएगा, लेकिन समय बीतता चला गया. जब इन लोगों से पैसे की वापसी मांगी, तो उन्हें टाल-मटोल और पैसा न देने की धमकी दी, और कहां की पुलिस प्रशासन को इतना पैसा दे दिया जाएगा कि यह मामला कहीं भी नहीं उठा पाओगे. पीड़ित आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि तमाम लोगों से यह एक योजनाबद्ध तरीके से ठगी और अपराध किया गया है. पीड़ित का कहना है कि उच्च स्तरीय जांच कर इस मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही कर पीड़ितों का पैसा दिलवाया जाए, और आरोपियों अपराधियों को पड़कर सख्त सजा दिया जाए. जिससे आगे भविष्य में किसी भी प्रकार की लोगों से कोई भी ठगी करने का साहस न कर सके.