गाजीपुर पंचायत चुनाव से पहले 7.5 लाख संदिग्ध मतदाताओं की सूची जारी, राजनीतिक हलकों में मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश: गाजीपुर में आने वाले दिनों में त्रिस्तरी पंचायत चुनाव का आगाज होने वाला है. लेकिन उसके पूर्व राज्य निर्वाचन आयोग ने एक ऐसा पत्र भेजा है, जिसे जानने के बाद सभी राजनीतिक दलों में हड़कंप की स्थिति मची हुई है. पत्र की बात माने तो पत्र में करीब 7.5 लाख मतदाता सस्पेक्टेड है, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग ने सॉफ्टवेयर के माध्यम से उसका वेरिफिकेशन कर जिला प्रशासन को भेजा है और जिला प्रशासन ने इसका प्रकाशन कर बीएलओ के माध्यम से इसकी जांच कर रही है.

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बिहार में अभी पिछले दिनों वोट चोरी का आरोप लगाते हुए जमकर राजनीति हुई और निर्वाचन आयोग पर भी सीधे-सीधे विपक्ष के द्वारा निशाना साधा गया. वहीं निर्वाचन आयोग अब पूर्ण रूप से एक्शन मोड में आ चुका है और अब ऐसे मतदाताओं को खोज रहा है, जिनका नाम कई जगहों पर जुड़ा हुआ है या फिर कुछ अन्य वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने करीब 7.5 लाख मतदाताओं की एक लिस्ट और पत्र जिला प्रशासन को भेजा है. इसके बाद जिला प्रशासन है, अब उस लिस्ट का प्रकाशन करने के बाद बीएलओ के माध्यम से उन वोटरों की जांच करने में जुट गई है कि आखिर यह सस्पेक्ट वोटर कौन है.

बता दे कि राज्य निर्वाचन कार्यालय लखनऊ से गाजीपुर जनपद के 16 ब्लॉकों की 1238 ग्राम पंचायत में 750952 वोटो की एक लिस्ट जिला प्रशासन को भेजा है, जो कुल 290 6051 मतदाताओं के सापेक्ष करीब 26 फीसदी के आसपास है. वहीं अब इन वोटरों के सत्यापन के लिए सभी विकास खंड में नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है. जिनकी देखरेख में 1783 बीएलओ इन वोटो की जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी और जिला प्रशासन से राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगा. जिले के मतदाता सूची में एक ही नाम, हुलिए, पते और उम्र के आधार पर ऐसे वोटो की अब तलाश की जा रही है. क्योंकि एक ही व्यक्ति गांव के साथ ही शहर में रहने पर गांव और शहर दोनों जगह वोटर लिस्ट में शामिल है.

इस मामले पर जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आगामी कुछ दिनों में होने वाली है, उसी के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा सस्पेक्टेड वोटरों की लिस्ट सॉफ्टवेयर के माध्यम से जनरेट करके प्रकाशित की गई है. इन मतदाताओं को सीधे-सीधे डुप्लीकेट मतदाता नहीं कहा जा सकता और इन सभी लोगों का वेरिफिकेशन बीएलओ के माध्यम से किया जा रहा है. साथ ही साथ ही साथ पंचायत नियमावली का भी कार्य चल रहा है. मतदाताओं को जोड़ने के साथ ही उनके वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है. उसी के निर्देश पर जो राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं, उसे पर कार्रवाई की जा रही है. जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जो पत्र आया है, उस पत्र के अनुसार कई वोटर लिस्ट का नाम एक होने है, जिससे यह लिस्ट सामने आया है.

वही इस मामले पर जनपद के दौरे पर आए आजमगढ़ सांसद धर्मेंद्र यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यदि ऐसा मामला है तो यह किसके द्वारा बनाए गए और कब के हैं. इन लोगों की उन वोटो को लेकर क्या नियत है, बात करें गाजीपुर की तो गाजीपुर में 7 विधानसभा है तो ऐसे में प्रत्येक विधानसभा में लगभग 1 लाख ऐसे वोटर है, जो सस्पेक्ट है और यही हम लोग कह रहे हैं कि वोट को चोरी करना चाह रहे हैं. यह लोग पहले 7.5 लाख वोटो को गलत बताएंगे और फिर समाजवादियों के 7.5 लाख वोट काट देंगे.

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