कोतवाली छतरपुर में हमले के मुख्य आरोपी इनामी बदमाश हाजी शहजाद अली को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. थाना कोतवाली में पथराव करने वाले फरार आरोपियों पर एसपी छतरपुर ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था. एसपी अगम जैन ने बताया, ”आरोपी को यातायात थाना के पास से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी घटना के दिन से ही फरार था और अब इस मामले से जुड़ी पूछताछ उससे की जाएगी. घटना में लिप्त 6 मुख्य आरोपियों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई भी प्रस्तावित की गई है”. बता दें कि फरारी के दौरान आरोपी शहजाद अली ने वीडियो जारी कर खुद को बेकसूर बताने कई वीडियो भी पोस्ट किए थे.
कौन है शहजाद अली ?
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
शहजाद अली के जुर्मों की दास्तां काफी पुरानी है. सबसे पहले 30 अप्रेल 1988 को उसपर हत्या का मामला दर्ज हुआ था. छतरपुर शहर के बड़कुल चौक पर व्यवसायी राजेंद्र जैन बुल्ले की दो मोटर सायकिल सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने शहजाद और चुन्ना के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया था. करीब 24 महीने जेल में रहने के बाद मामले में अदालत ने शहजाद को बरी कर दिया था तो वहीं चुन्ना को सजा सुनाई थी. आरोप हैं कि कांग्रेस के शासन में राजनैतिक संरक्षण की दम पर शहजाद ने अपना कारोबार बढ़ाना शुरू किया. तेंदुपत्ता सहित अन्य कारोबार से उसे आर्थिक मजबूती मिली. इसके बाद वह जमीन के कारोबार से जुड़ गया और बेशुमार दौलत बनाई. इस दौरान उसे कई जनप्रतिनिधियों का संरक्षण भी प्राप्त रहा.
कोतवाली मामले में मुख्य आरोपी है शहजाद
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में रामगिरी महाराज की पैंगबर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी के बाद छतरपुर में मुस्लिम समुदाय के लोग कोतवाली में ज्ञापन सौंपने गए थे. इसी दौरान भीड़ ने बहकावे में आकर भारी उपद्रव कर दिया और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए. भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने कोतवाली थाने पर ही हमला कर दिया और बेहिसाब पत्थरबाजी की, जिसमें कई पुलिस अधिकारी-कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए. इस मामले में पुलिस ने 46 के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की थी, वहीं 150 से ज्यादा अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया. इनमें से 37 लोगों को गिरफ्तारी के साथ मामले के मुख्य आरोपी शहजाद अली की कोठी को भी प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया.