धमतरी जिले के कुरुद ब्लॉक के हायर सेकंडरी स्कूल अंवरी में पदस्थ व्याख्याता नन्दनी सिन्हा को युक्तियुक्तकरण मगरलोड ब्लॉक अंर्तगत आने वाले कुंडेल हायर सेकंडरी स्कूल में तबादला कर दिया गया था. जिसके चलते वह रोज अपने गृह ग्राम से लगभग 60 किमी की दूरी तय कर स्कूटी से ड्यूटी जाती थी।जिससे वह काफी मानसिक तनाव में थी. अंततः सड़क हादसे में उसकी असमय मौत हो गई. सरकारी फरमान के बाद भी अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित शिक्षिका की मौत को लेकर अब कई आरोप व सवाल खड़े हो रहे हैं.
Advertisement1
कुरुद विकासखंड में युक्तियुक्तकरण के तहत नियमों की अनदेखी और मनमानी के गंभीर आरोप जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) पर लग रहे हैं. इस प्रक्रिया से प्रताड़ित होकर मानसिक तनाव झेल रहीं शिक्षिका नंदिनी सिन्हा, व्याख्याता (अंग्रेजी), हायर सेकेंडरी स्कूल अंवरी, का कोडेबोड़ के पास एक सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग, बल्कि पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है. अब सवाल उठता है कि इस दुखद हादसे का जिम्मेदार कौन है?
युक्तियुक्तकरण में अनियमितताओं का आरोप
शिक्षिका नंदिनी सिन्हा को हायर सेकेंडरी स्कूल अंवरी से 4 जून2025 को हायर सेकेंडरी स्कूल कुंडेल, मगरलोड ब्लॉक में स्थानांतरित किया गया था, जबकि पास में रिक्त पद उपलब्ध थे. आरोप है कि स्थानांतरण में न तो दर्ज के अनुपात का ध्यान रखा गया और न ही विद्यालय की समय-सारणी को प्राथमिकता दी गई। इसके बजाय, बीईओ ने मौखिक निर्देशों का हवाला देकर मनमाने तरीके से स्थानांतरण किए. शिक्षिका स्व. सिन्हा ने इस गलत युक्तियुक्तकरण का पुरजोर विरोध किया. जिला शिक्षक साझा मंच के साथ मिलकर उन्होंने बीईओ की मनमानी के खिलाफ स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जिला कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कुरुद, और डीईओ धमतरी से कार्यवाही और बीईओ को हटाने की मांग की। लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अतिरिक्त, 05 जून 2025 को नंदिनी सिन्हा और शिक्षिका अन्नपूर्णा सोनी ने आपसी संशोधन के लिए आवेदन किया था, क्योंकि अन्नपूर्णा ने त्रुटिवश हाई स्कूल भैंसबोड़ का चयन कर लिया था. कलेक्टर और डीईओ ने आश्वासन तो दिया, लेकिन संशोधन नहीं किया.
मानसिक तनाव और दुखद हादसा
बताया जाता है कि मनमाने युक्तियुक्तकरण से नंदिनी सिन्हा गहरे मानसिक तनाव में थीं।वह अपने ड्यूटी और कर्तव्य के प्रति काफी सजग व निष्ठावान थी।जिसके चलते वह रोज अकेली अपनी स्कूटी में सवार होकर गृह ग्राम सेमरा भखारा से 60किमी की दूरी तय कर कुंडेल आना जाना करती थी. जो एक महिला शिक्षिका के लिए खतरे से खाली नहीं था और हुआ भी यही वह सड़क हादसे की शिकार हो गई. 6 सितंबर को दोपहर स्कूल से घर लौटते समय कोडेबोड़ के पास हुई सड़क दुर्घटना में उनकी असामयिक मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया। पति हरीश सिन्हा, एक पुत्र समेत पूरे परिवार को रोते बिलखते छोड़ गई. शिक्षक समुदाय का मानना है कि युक्तियुक्तकरण की गलत नीतियों और अधिकारियों की उदासीनता ने एक कर्मठ, योग्य, और ईमानदार शिक्षिका को असमय खो दिया.
शिक्षक समुदाय में आक्रोश, उच्च स्तरीय जांच की मांग
इस घटना से कुरुद ब्लॉक के शिक्षक समुदाय, कर्मचारी फेडरेशन, और सर्व शैक्षिक संघ में गहरा आक्रोश है. शिक्षक साझा मंच ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है. शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और अधिकारियों की मनमानी ने न केवल शिक्षकों का मनोबल तोड़ा है, बल्कि एक अनमोल जीवन को भी छीन लिया. नंदिनी सिन्हा की मृत्यु केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था और युक्तियुक्तकरण की गलत नीतियों का परिणाम मानी जा रही है.
इस घटना ने प्रशासन और शिक्षा विभाग के सामने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या अब जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी? क्या युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में सुधार होगा? शिक्षक समुदाय और धमतरी जिला अब इन सवालों के जवाब का इंतजार कर रहा है.
Advertisements