छत्तीसगढ़ में कोरबा के नील कुसुम हत्याकांड में दोषी को आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है. इस केस में दोषी ने अपनी प्रेमिका पर किसी दूसरे से बात करने के शक के चलते सूने घर में उसके साथ बलात्कार करते हुए धारदार पेचकस से 51 बार गोद कर नृशंस हत्या कर दी थी.
आजीवन सश्रम कारावास और जुर्माना
कोर्ट ने मुख्य आरोपी शहबाज खान उर्फ बाबू पिता स्व. अब्दुल रज्जाक खान को बलात्संग एवं हत्या में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376, 302 एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2) (W) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध में दोषसिद्ध पाया. शहबाज खान को आजीवन सश्रम कारावास एवं तीनों धाराओं में 25-25 हजार कुल 75 हजार रूपये के जुर्माना की सजा से दण्डित किया है. अर्थदण्ड की राशि का भुगतान न करने पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताया जाएगा. अन्य आरोपी 24 साल का तबरेज खान उर्फ छोटू सरगुजा को मेमोरंडम कथन के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य अभिलेख नहीं होने से उसके विरूद्ध लगाये गये आरोपों से दोषमुक्त किया गया है.
क्या था मामला?
मामला थाना कोतवाली अंतर्गत पम्पहाउस कालोनी का है और घटना 24 दिसम्बर 2022 की है. विशेष लोक अभियोजक रमेश सिंह यादव ने बताया कि पम्प हाउस निवासी प्रार्थी जेमको कम्पनी टीपी नगर में हाउस कीपर का तथा उसकी पत्नी डीएव्ही स्कूल मुड़ापार में आया का काम करती थी. उसके एक पुत्र-एक पुत्री में, पुत्री नील कुसुम ने कक्षा बारहवीं पास की थी और घर में रहकर मेडिकल प्रवेश की तैयारी कर रही थी. लड़की मदनपुर (करतला) के हायर सेकेण्डरी स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई की थी तथा सृष्टि बाबा बस से प्रतिदिन आना-जाना करती थी. इसी दौरान बस के कण्डक्टर शहबाज खान निवासी भड़िया बगीचा जिला जशपुर से लड़की की जान-पहचान हो गई थी. वे आपस में मोबाइल से बातचीत करते थे.
एक माह पहले मर्डर की धमकी
घटना से 01 माह पूर्व प्रार्थी को उसकी पत्नी ने बताया था कि शहबाज खान उसकी लड़की को किसी अन्य लड़के आशिष केरकेट्टा बात करने के शक में अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर गाली-गलौच, झगड़ा विवाद करता है तथा दोनों का मर्डर करने की धमकी देता है.
पेचकस से पूरे 51 बार गोदा
फिर दिनांक 24 दिसम्बर 2022 को सुबह सब अपने काम पर चले गए थे, घर में पीड़िता अकेली थी. दोपहर 12:32 बजे पुत्र ने फोन कर पिता को बताया कि मम्मी को लेकर जल्दी घर आ जाओ. वह घर आया तो देखा उसकी लड़की/पीड़िता जमीन पर चित हालत में पड़ी थी, उसके मुंह व नाक से खून निकला था, सीने के पास कपड़े में भी खून लगा था. लड़की के चेहरा, गर्दन, हाथ एवं सीना में कई जगह नुकीले औजार से मारने का चोट का निशान दिख रहा था. मुंह के ऊपर तकिया था, कमर नीचे कपड़ा नहीं था, जिसे कपड़ा पहनाया गया. जमीन में खून गिरा था, दीवान के ऊपर किसी लड़के की शर्ट, ईयरफोन पड़ा था. जमीन में एक नुकील लोहे का औजार, खून से सना 2 नग वाला काला रंग का लेदर जूता तथा दीवान किनारे एक थैला में एक खाली पानी बाटल, नया पेचकस, 1 सूजा, 3 टेबलेट तथा रेजर पत्ती और पुराना कपड़ा रखा पड़ा था. लड़की को पेचकस से पूरे 51 बार गोदा गया था.
पलंग पर मिली थी शाहबाज की शर्ट और टिकट
बिस्तर में पड़े शर्ट के पाकिट में शहबाज खान के नाम का गुजरात के अहमदाबाद से रायपुर, छत्तीसगढ़ का हवाई जहाज एवं रायपुर से कोरबा तक की बस का टिकट रखा हुआ मिला. पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रकरण विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया. सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रमेश सिंह यादव ने कठोर सजा का तर्क मजबूती से रखा. इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाया है.