उत्तर प्रदेश के राज्य कर विभाग में नोएडा से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. विभाग के अपर आयुक्त पर उत्पीड़न और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाने वाली तीन महिला अधिकारियों सहित कुल 14 अफसरों का तबादला कर दिया गया है. ट्रांसफर की इस कार्रवाई ने न केवल नोएडा, बल्कि राज्य के प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है.
पिछले दो महीनों से नोएडा का राज्य कर विभाग सुर्खियों में बना हुआ है. नोएडा में तैनात तीन महिला अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारी, अपर आयुक्त, पर उत्पीड़न, शोषण और अभद्र व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए थे. शिकायत का दायरा लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंचा, जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस बीच, बुधवार को राज्य कर विभाग ने 14 अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी, जिसमें नोएडा के छह अधिकारी शामिल हैं.
कौन-कौन आया ट्रांसफर की जद में?
- ट्रांसफर लिस्ट में शामिल प्रमुख नाम इस प्रकार हैं: विवेक आर्या, अपर आयुक्त ग्रेड-2 (एसआईबी), गौतमबुद्ध नगर, को मुरादाबाद अपील में भेजा गया.
- आलोक कुमार, संयुक्त आयुक्त (एसआईबी), गौतमबुद्ध नगर, को उच्च न्यायालय कार्य, प्रयागराज ट्रांसफर किया गया.
- प्रियंका, सहायक आयुक्त (सचल दल), गौतमबुद्ध नगर, को उच्च न्यायालय कार्य, लखनऊ.
- वंदना सिंह, सहायक आयुक्त (सचल दल), गौतमबुद्ध नगर, को उच्च न्यायालय कार्य, प्रयागराज.
- शिखा सिंह, सहायक आयुक्त (सचल दल), गौतमबुद्ध नगर, को महोबा.
- रोहित रावत, सहायक आयुक्त (सचल दल), गौतमबुद्ध नगर, को टैक्स ऑडिट, अयोध्या.
इनका भी नाम ट्रांसफर में
इसके अलावा, अन्य जिलों से भी कई अधिकारियों को गौतमबुद्ध नगर में स्थानांतरित किया गया है. इनमें ज्योति भौंत (कानपुर से गौतमबुद्ध नगर), कौशलेन्द्र कुमार राय (सहारनपुर से गौतमबुद्ध नगर), सत्यव्रत उपाध्याय (आगरा से गौतमबुद्ध नगर), प्रशांत कुमार राय (महोबा से गौतमबुद्ध नगर), राजीव कुमार सिंह (कानपुर से गौतमबुद्ध नगर), और सुरेन्द्र कुमार (अयोध्या से गौतमबुद्ध नगर) शामिल हैं. वहीं, मथुरा के प्रशांत कुमार-1 को एसआईबी कानपुर प्रथम और अनिल कुमार-2 को अपील मथुरा भेजा गया है.
महिला अधिकारियों की शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी ने नोएडा के सचल दल के कामकाज की समीक्षा की और अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. हालांकि, इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं. अब ट्रांसफर की इस कार्रवाई को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. कुछ का मानना है कि यह कदम मामले को दबाने की कोशिश हो सकता है, जबकि अन्य इसे प्रशासनिक सुधार का हिस्सा मान रहे हैं.
नोएडा के राज्य कर विभाग में यह मामला अब कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है. महिला अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों ने कार्यस्थल पर लैंगिक संवेदनशीलता और अधिकारियों की जवाबदेही जैसे मुद्दों को फिर से सामने ला दिया है. ट्रांसफर के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या मामला यूं ही ठंडे बस्ते में चला जाता है.