डीडवाना- कुचामन: नवस्थापित महाविद्यालयों में संविदा नियुक्तियों के विरोध में तेज हुए सुर, मंत्रालयिक कर्मचारियों संघ ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन 

डीडवाना-कुचामन: कॉलेज शिक्षा विभाग में राजसेस सोसाइटी के अधीन नव स्थापित महाविद्यालयों में मंत्रालयिक कर्मचारियों की संविदा नियुक्तियों को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं. अखिल राजस्थान उच्च शिक्षा मंत्रालयिक कर्मचारी संघ संगठन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की मांग की है.

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संगठन ने ज्ञापन में बताया कि वर्ष 2021 से 2025 के बीच प्रदेशभर में करीब 374 राजसेस राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं। इन महाविद्यालयों में मंत्रालयिक लिपिकीय संवर्ग के लगभग 1496 पद वित्त विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत हैं, लेकिन आज तक रिक्त पड़े हैं.

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 31 अगस्त 2025 को सम्पन्न मंत्रिमंडल की बैठक में इन रिक्त पदों पर राजस्थान में सिविल पदों पर संविदा भर्ती नियम-2022 एवं राजसेस सोसाइटी नियमों के तहत संविदा आधार पर कार्यालय लिपिकों की भर्ती कर 5 वर्षों तक 13,000 से 14,000 प्रतिमाह के निश्चित पारिश्रमिक पर सेवाएं लेने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया.

संघ ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि संविदा नियुक्तियों से मूल मंत्रालयिक लिपिकीय संवर्ग में पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित होगी और महाविद्यालयों का कार्यभार अधूरा ही रहेगा.आगे मांग की गई कि स्वीकृत सभी मंत्रालयिक लिपिकीय पदों को कॉलेज शिक्षा विभाग के मूल संवर्ग में सम्मिलित किया जाए.

इन पदों पर सीधी भर्ती पदोन्नति उपरांत पदस्थापन एवं स्थानान्तरण के माध्यम से नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।संगठन ने स्पष्ट किया कि राज्य हित संस्था हित और कार्मिक हित में संविदा नियुक्तियों का प्रस्ताव स्थायी समाधान नहीं है. ऐसे में सरकार को इस पर पुनर्विचार कर नियमित नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.इस मौके पर रामनिवास जाट, रामप्रकाश नेहरा, जतिन कुमार, रेखा, मनीषा कुमारी मौजूद रहे.

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