गाजीपुर: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 1 सितंबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में एक निर्णय दिया कि अब सभी शिक्षकों को टीईटी की परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा और इस निर्णय के आने के बाद पूरे प्रदेश के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है.
कारण की बहुत सारे शिक्षक जब उन्होंने अपनी नौकरी ज्वाइन किया था उस वक्त शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर कोई भी दिशा निर्देश नहीं था और अब इस निर्णय के आने से करीब जनपद में 6000 शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि अगले 2 सालों में किसी भी हाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास करना अनिवार्य होगा नहीं तो उन सभी को नौकरी से हटा दिया जाएगा.
इन्हीं सब मामलों को लेकर आज उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के टीचरों ने अपने-अपने विद्यालय की ड्यूटी पूरा करने के बाद सरजू पांडे पार्क में एकत्रित हुए जहां पर इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कहा कि यह हम शिक्षकों को सेवा से बाहर करने का षड्यंत्र है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को अंधकार में रखकर टेट अनिवार्यता का आदेश जारी कराया गया है, जिसे तत्काल वापस कारण इसी को लेकर आज शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन दिया और इसके बाद जिला अधिकारी के माध्यम से एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा, इन लोगों का कहना है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 के लागू होने के पूर्व तत्समय में निर्धारित अर्हता को पूर्ण करते हुए नियुक्त शिक्षकों को अध्यादेश लाकर कानून में संशोधन कर शिक्षक पात्रता परीक्षा से मुक्त किया जाए.