सपोटरा: फसल खराबे पर जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण,अधिकारियों को शिघ्र रिपोर्ट भेजने के दिए निर्देश

करौली: राजस्थान के करौली जिले में मानसून की आखिरी सांसों में भी भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. सपोटरा क्षेत्र सहित आड़ा डूंगर, डाबरा, मांगरोल, रुंडी और कुड़गांव जैसे ग्रामीण इलाकों में लगातार हो रही झमाझम बारिश से खेतों में जलभराव हो गया है, जबकि खड़ी खरीफ फसलें—जैसे बाजरा, मूंगफली, सोयाबीन और सब्जियां—पूरी तरह डूब चुकी हैं.

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अनुमान है कि सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में 40-60 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो चुकी है, जिससे हजारों किसान परिवार संकट में डूब गए हैं. इस विपदा के बीच जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने फुर्ती दिखाते हुए प्रभावित क्षेत्रों का सघन निरीक्षण किया और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.

कलेक्टर का फील्ड विजिट: किसानों की व्यथा सुनी, नुकसान का लिया जायजा

जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना गुरुवार को सपोटरा क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने जलभरावग्रस्त खेतों का पैदल दौरा किया. किसानों से सीधे बातचीत कर उन्होंने फसल खराबे की जानकारी ली. आड़ा डूंगर के एक खेत़ो में खड़ी फसल को पानी में डूबते देख कलेक्टर ने कहा, “यह सिर्फ फसल का नुकसान नहीं, बल्कि किसान परिवारों का पूरा भविष्य खतरे में है.

हम हर संभव मदद सुनिश्चित करेंगे.” इसी तरह डाबरा, मांगरोल, रुंडी और कुड़गांव के खेतों में पहुंचकर उन्होंने जलभराव की स्थिति का जायजा लिया. स्थानीय किसानो ने बताया, “पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सब कुछ तबाह कर दिया. खेतों में पानी सड़कों तक आ गया है, और फसलें सड़ने लगी हैं.

कलेक्टर साहब का आना ही राहत की पहली किरण है. “यह दौरा महज औपचारिकता नहीं था, बल्कि एक ठोस एक्शन प्लान का हिस्सा साबित हुआ. कलेक्टर ने मौके पर ही तहसीलदारों, पटवारीयों और कृषि अधिकारियों को अतिवृष्टि से हुए नुकसान की विस्तृत गिरदावरी (फसल सर्वे) शुरू करने के आदेश दिए.

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