बहरोड़: केमिकल के अंदर गिरने से बुरी तरह झुलस गए थे. इलाज नीमस हॉस्पिटल में चल रहा था, लेकिन कल शाम उनकी मौत हो गई. “मामला बेहद संवेदनशील है. कमल कांत वाल्मीकि कंपनी में ड्यूटी कर रहे थे, तभी यह बड़ा हादसा हुआ. हादसे के बाद से परिवार सदमे में है. ”
आज वाल्मीकि सेना की टीम कमल कांत वाल्मीकि के शव को लेकर कंपनी गेट पहुंची और कंपनी प्रबंधन से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग रखी. लेकिन कंपनी प्रबंधन ने मांगें मानने से इनकार कर दिया. अनिल वाल्मीकि ने कहा यह सिर्फ कमल कांत का मामला नहीं है. यह हर मजदूर की सुरक्षा का सवाल है. जब कोई कर्मचारी ऑन ड्यूटी अपनी जान गंवाता है, तो कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि वह परिवार को न्याय दे. ”
“अब सवाल उठता है – जब मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर कंपनी के लिए काम करते हैं, तो उनकी सुरक्षा और परिवार की जिम्मेदारी कौन लेगा? वाल्मीकि सेना ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो कंपनी गेट पर बड़ा आंदोलन होगा.” कमल कांत की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि मजदूर सुरक्षा पर सवालिया निशान है. क्या प्रशासन और कंपनी प्रबंधन इस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे?
बहरोड़: केमिकल हादसे में मजदुर की मौत, मदद व नौकरी की मांग पर वाल्मीकि सेना का प्रदर्शन…कंपनी ने ठुकराई मांगे

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