देहरादून. उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देहरादून पहुंचे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और हालात का प्रत्यक्ष आकलन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनका दर्द सुना। लोगों ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी परेशानियाँ रखीं, जिनमें घरों के टूटने, खेतों के बह जाने और आजीविका छिन जाने जैसी समस्याएँ शामिल थीं। पीएम ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उनकी हर संभव मदद करेगी और पुनर्वास कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा।
हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री धामी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी। बैठक में तय किया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री की आपूर्ति को और तेज़ किया जाएगा। साथ ही सुरक्षित जगहों पर अस्थायी आश्रय और चिकित्सा शिविर स्थापित किए जाएंगे।
पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर प्रभावित परिवार तक शीघ्र सहायता पहुँचाई जाए। उन्होंने कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार के साथ केंद्र पूरी मजबूती से खड़ा है। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से भी इस प्राकृतिक आपदा के कारणों और भविष्य में इससे निपटने की रणनीति पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में भारी तबाही हुई है और कई जगहों पर सड़कें, पुल और बिजली व्यवस्था भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। स्थानीय प्रशासन लगातार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के साथ मिलकर राहत कार्य में जुटा है।
पीएम मोदी की यात्रा से बाढ़ पीड़ितों में उम्मीद की किरण जगी है। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री के आने से उन्हें भरोसा हुआ है कि उनकी तकलीफों को सीधे केंद्र सरकार तक पहुँचाया गया है। उत्तराखंड में बाढ़ राहत और पुनर्वास का काम अब और तेज़ होने की उम्मीद जताई जा रही है।