मऊगंज: जल गंगा संवर्धन अभियान के नाम पर मऊगंज जनपद पंचायत में हुए कथित वित्तीय घोटाले ने प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है. इस मामले में कलेक्टर संजय कुमार जैन ने सख्ती दिखाते हुए जनपद पंचायत सीईओ रामकुशल मिश्रा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. उनकी जगह विकासखंड अधिकारी परमानंद तिवारी को प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया है.
40 मिनट में 12 लाख का खर्च
जनपद पंचायत अध्यक्ष और भाजपा जिला उपाध्यक्ष नीलम सिंह परिहार ने कलेक्टर और प्रभारी मंत्री लखन पटेल से इस घोटाले की शिकायत की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि महज़ 40 मिनट के कार्यक्रम में 12 लाख रुपए से अधिक का खर्च दर्शाया गया है. इतना ही नहीं, इस खर्च को सही ठहराने के लिए बिलों और दस्तावेज़ों में भारी अनियमितताएं पाई गईं.
जाली हस्ताक्षर और फर्जी बिल
शिकायत में यह भी सामने आया कि प्रभारी सीईओ ने लेखापाल के जाली हस्ताक्षर कर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट अपने पास रखा. वहीं, ‘प्रदीप इंटरप्राइजेज’ नामक बिजली उपकरण बेचने वाली दुकान से गद्दे, चादर और नाश्ते के बिल पेश कर दिए गए. आरोप है कि इस तरीके से लाखों रुपए का बंदरबांट किया गया.
कलेक्टर की सख्ती
कलेक्टर संजय कुमार जैन ने मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की और स्पष्ट किया कि यह कदम कार्यालयीन व्यवस्थाओं को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है. उन्होंने संकेत दिया कि आगे और भी जांच की जाएगी.
लगातार बदल रहे सीईओ
गौरतलब है कि मऊगंज जनपद पंचायत में पहले से ही दो सीईओ तैनात रह चुके हैं, लेकिन लगातार हो रही शिकायतों और विवादों के कारण यहां प्रशासनिक स्थिरता नहीं बन पा रही है. अब देखना होगा कि नए प्रभारी सीईओ व्यवस्था को कितना दुरुस्त कर पाते हैं.