दुबई में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद का नया अंतरराष्ट्रीय कैंपस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम, क्राउन प्रिंस ऑफ दुबई, के उद्घाटन से प्रारंभ हुआ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे भारतीय शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया और कहा कि यह भारत-यूएई शिक्षा सहयोग को मजबूती देगा और भारतीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर लाने में मदद करेगा।
प्रधान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप भारतीय शिक्षा का वैश्वीकरण है। उन्होंने कहा कि दुबई ने आईआईएम अहमदाबाद के अंतरराष्ट्रीय परिसर को मेज़बानी प्रदान करके “भारतीय भावना, वैश्विक दृष्टिकोण” के आदर्श को साकार करने का एक आदर्श मंच दिया है। प्रधान ने क्राउन प्रिंस के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कदम भारत-यूएई ज्ञान सहयोग में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने उच्च शिक्षा में द्विपक्षीय सहयोग, नवाचार और अनुसंधान को रणनीतिक साझेदारी के केंद्रीय स्तंभ बनाने पर चर्चा की। बैठक में संयुक्त अनुसंधान, क्षमता निर्माण, सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया गया। दोनों देशों ने छात्रों और युवाओं के हित में नए रास्ते खोजने और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई।
प्रधान ने दुबई में संयुक्त अरब अमीरात के उच्च शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री अब्दुल रहमान अब्दुलमन्नान अल अवार से भी मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी परिसर का दौरा किया और वहां अटल इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया, जो विदेश में किसी भारतीय संस्थान में आयोजित पहला एआईसी है।
प्रधान की यूएई यात्रा का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना, शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचारों को बढ़ावा देना और दोनों देशों के छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए साझेदारी के नए अवसर तलाशना है। इस कदम से भारतीय शिक्षा को वैश्विक पहचान मिलेगी और देश की प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अवसर मिलेंगे।
IIM अहमदाबाद का दुबई कैंपस अब भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और ज्ञान के क्षेत्र में भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।