काठमांडू में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के दौरान गाजियाबाद की एक महिला की जान चली गई। महिला अपने पति के साथ नेपाल में पर्यटन के लिए गई थी। होटल में आग लगने के बाद दोनों ने बचने के लिए रस्सी का सहारा लिया। इसी दौरान महिला का हाथ पति के हाथ से छूट गया और वह नीचे गिर गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान महिला की मृत्यु हो गई।
इस हिंसा की शुरुआत नेपाल सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद हुई। विरोध प्रदर्शनों में अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी भवनों और नेताओं के आवासों में आग लगा दी। इसके अलावा शहर में अत्यधिक भय का माहौल बन गया है।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद सेना को काठमांडू में तैनात किया गया है ताकि स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके। नेपाल सरकार ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वह सुरक्षा कारणों से यात्रा से बचें। काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन और अस्पतालों ने बताया कि महिला को गंभीर चोटें आई थीं। पति ने कहा कि रस्सी के सहारे नीचे उतरते समय उनका हाथ अचानक छूट गया। यह घटना नेपाल में जारी हिंसा और अस्थिरता का एक दुखद उदाहरण बन गई है। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है और शहर में भय का माहौल बना हुआ है।
भारत सरकार ने नेपाल में अपने नागरिकों को सतर्क रहने और असुरक्षित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है। काठमांडू में हिंसा की वजह से पर्यटक और स्थानीय लोग दोनों ही प्रभावित हुए हैं। यह घटना यह दर्शाती है कि हिंसा और अस्थिरता किस तरह से आम नागरिकों की जान और सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
स्थानीय प्रशासन ने अपील की है कि लोग शांत रहें और अधिकारी निर्देशों का पालन करें। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे हिंसा वाले इलाकों से दूर रहें और सुरक्षित मार्गों का उपयोग करें। नेपाल में चल रही इस हिंसा ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रभावित किया है बल्कि विदेशी पर्यटकों और यात्री नागरिकों में भी डर पैदा किया है।