हरियाणा के झज्जर जिले में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया के पिता बलवान पूनिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बलवान पूनिया लंबे समय से बीमार चल रहे थे और परिवार ने उनके स्वास्थ्य के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन इलाज के बावजूद वे इस दुनिया को छोड़ गए।
बजरंग पूनिया ने अपने पिता के निधन की खबर सुनते ही सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा किया और लिखा कि उनके पिता उनके लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहे। उन्होंने अपने पिता के संघर्ष और जीवन के अनुभवों को याद करते हुए कहा कि पिता ने उन्हें मेहनत, समर्पण और अनुशासन का महत्व सिखाया। पहलवान ने यह भी कहा कि पिता की कमी हमेशा महसूस होगी, लेकिन उनके दिए हुए संस्कार और शिक्षा हमेशा उनके साथ रहेंगे।
बलवान पूनिया का अंतिम संस्कार झज्जर जिले के गांव में किया गया। इस अवसर पर पूरे परिवार और करीबी रिश्तेदारों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए। कई लोग भावुक नजर आए और बजरंग पूनिया के साथ दुख साझा किया। गांव के लोग और पहलवानों ने बलवान पूनिया के योगदान और उनके परिवार के लिए किए गए संघर्ष की सराहना की।
बजरंग पूनिया ने पिछले कई वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का नाम रोशन किया है। उनके पिता ने हमेशा उनके खेल करियर का समर्थन किया और उनके सभी निर्णयों में मार्गदर्शन किया। बलवान पूनिया की देखभाल और समर्थन के बिना बजरंग के यह सफर संभव नहीं होता।
पहलवान ने अंतिम संस्कार के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पिता ने उन्हें जीवन में जीत और हार दोनों के महत्व को समझाया। पिता की सीख और अनुशासन हमेशा उनके साथ रहेंगे। बजरंग ने सभी समर्थकों और शुभचिंतकों से भी विनती की कि वे इस कठिन समय में उनके परिवार का समर्थन करें।
इस दुखद मौके पर भारतीय खेल जगत और उनके साथी पहलवानों ने भी सहानुभूति व्यक्त की। सोशल मीडिया पर भी कई लोग उनके पिता के निधन पर दुख व्यक्त कर रहे हैं और परिवार के प्रति संवेदना जता रहे हैं।
बलवान पूनिया की याद में बजरंग पूनिया ने उनके जीवन और संघर्ष को हमेशा याद रखने और आने वाले समय में अपने खेल और जीवन में उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया है।