लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को होनी है. इसी दिन मणिपुर राज्य की दोनों लोकसभा सीट इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर के लिए भी वोटिंग होगी.
कांग्रेस ने अंगोमचा बिमोल अकोइजाम को इनर मणिपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है. वे दिल्ली में मौजूद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में प्रोफेसर भी हैं. बीजेपी की ओर से थौनाओजम बसंत कुमार सिंह चुनाव लड़ रहे हैं.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
कांग्रेस ने 5 अप्रैल को पार्टी का मैनिफेस्टो जारी किया था. इसमें कई सारे वादे किए गए हैं. वहीं, अंगोमचा बिमोल अकोइजाम ने अपनी लोकसभा के लिए व्यक्तिगत घोषणापत्र (Personal Manifesto) जारी किया है.
इसमें राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और जनसंख्या नीति (Population Policy) के समर्थन का वादा भी शामिल है.
ANI के मुताबिक, अंगोमचा बिमोल अकोइजाम ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि उनका मिशन नए मणिपुर के लिए नई राजनीतिक संस्कृति विकसित करना है. ऐसे मुद्दों को बढ़ावा देना है जिनका मणिपुर के सभी लोगों को फायदा पहुंचे. मैं सद्भाव और समृद्धि वाले भविष्य की कल्पना करता हूं. जहां सभी की तरक्की हो.
अकोइजाम ने कहा कि राज्य को कानूनी नागरिकों की पहचान के लिए इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म की जरूरत है. साल 2003 में संसद में जब NRC संशोधन पेश किया था तब कांग्रेस ने इसका समर्थन किया था, जिसके बाद ये सर्वसम्मति से पारित किया गया था.
इसी तरह मणिपुर विधानसभा में 2022 में राज्य में NRC की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया. कांग्रेस विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था. यह कहना गलत है कि कांग्रेस NRC के खिलाफ है.
अकोइजाम ने आगे कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से NRC के पक्ष में हूं. आप इसे कुछ भी कह सकते हैं. मेरा मानना है कि हमारे पास ऐसा मैकेनिज्म जरूर होना चाहिए, जिससे तय किया जा सके कि कौन राज्य का कानूनी नागरिक है और कौन बाहरी है.
अमित शाह ने 15 अप्रैल को इंफाल में कहा था कि कांग्रेस नेता टुकड़े-टुकड़े गैंग के हैं. चुनाव मणिपुर को विभाजित करने की बात करने वालों और जोड़े रखने वालों के बीच लड़ा जाएगा. इस पर अकोइजाम ने कहा कि वे ऐसा प्रचार के लिए करते हैं. ये उनका पसंदीदा बयान है. JNU से हर व्यक्ति को वे इसी नाम से बुलाते हैं.
अकोइजाम ने आगे कहा कि JNU ने राष्ट्रीय मामलों और राष्ट्र के विकास में बहुत योगदान दिया है. पीएम मोदी की कैबिनेट के दो लोकप्रिय और शक्तिशाली मंत्री एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण भी JNU से हैं. इसलिए JNU के किसी भी व्यक्ति को टुकड़े-टुकड़े गैंग कहना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.