उत्तर प्रदेश : बहराइच जिले के महसी तहसील के बहोरवा गांव में एक बार फिर भेड़िए के हमले ने दहशत फैला दी है. गुरुवार देर रात एक जंगली जानवर ने मां के साथ सो रही तीन महीने की मासूम बच्ची को उठा ले गया. सुबह ग्रामीणों को गन्ने के खेत में बच्ची के शव के अवशेष मिले. यह घटना उस इलाके में हुई, जहां दो दिन पहले एक सात साल की बच्ची भी भेड़िए का शिकार बन चुकी है. लगातार हो रहे इन हमलों से क्षेत्र में भय का माहौल है.
घटना गुरुवार रात करीब 1 बजे की है, जब बहोरवा गांव की रहने वाली रानी (बदला हुआ नाम) अपनी तीन महीने की बेटी के साथ घर के बरामदे में सो रही थी. अचानक एक हिंसक जानवर ने बच्ची को मां की गोद से छीन लिया. मां की चीख सुनकर परिजन और पड़ोसी जाग गए और तुरंत बच्ची की तलाश शुरू की. रातभर खोजबीन के बावजूद बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला. सुबह ग्रामीणों ने गांव से करीब 600 मीटर दूर गन्ने के खेत में बच्ची के शव के अवशेष बरामद किए, जो क्षत-विक्षत हालत में थे.
दो दिन पहले, 10 सितंबर 2025 को, इसी इलाके में एक सात साल की बच्ची पर भेड़िए ने हमला किया था. उस बच्ची का शव भी गन्ने के खेत में मिला था. ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला भी उसी जंगली जानवर ने किया, जिसने हाल के महीनों में कई बच्चों को अपना निशाना बनाया है. पिछले साल भी महसी तहसील में भेड़ियों के हमलों में 10 लोगों की जान गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे.
वन विभाग की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं. डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है. “हमले के पैटर्न और पगचिह्नों से ऐसा प्रतीत होता है कि यह भेड़िए का काम हो सकता है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों की जांच के बाद ही अंतिम निष्कर्ष निकाला जाएगा,” उन्होंने कहा. वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और जंगली जानवर को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाने की योजना बनाई है. इसके अलावा, ड्रोन कैमरों की मदद से इलाके की निगरानी की जा रही है.
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से की भेड़िए को पकड़ने की मांग
लगातार हो रहे इन हमलों से बहोरवा गांव और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस हिंसक जानवर को पकड़ा जाए. गांव के प्रधान राम अवतार ने कहा, “लोग रात में घर से निकलने से डर रहे हैं. बच्चे और महिलाएं सबसे ज्यादा खतरे में हैं. वन विभाग को तुरंत कदम उठाना चाहिए.” ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए.
पिछले हमलों का साया
पिछले साल महसी तहसील के घाघरा नदी के कछार क्षेत्र में भेड़ियों ने 50 से अधिक गांवों में आतंक मचाया था. जुलाई 2024 से सितंबर 2024 तक करीब सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे. वन विभाग ने तब कड़ी मशक्कत के बाद छह भेड़ियों को पकड़ा था, लेकिन हाल की घटनाएं दर्शाती हैं कि खतरा अभी टला नहीं है.