एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ लिया. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी इंडिया ब्लॉक के कैंडिडेट और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को आसानी से हरा दिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से गहरी जड़ें रखने वाले तमिलनाडु के सीनियर बीजेपी नेता राधाकृष्णन (67) ने 452 वोट हासिल करके उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीता. उनके प्रतिद्वंद्वी, विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले.
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के संख्यात्मक बल को देखते हुए, राधाकृष्णन के जीत की उम्मीद चुनाव से पहले ही की जा रही थी. एनडीए के पास कागज़ पर 427 सांसद थे और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों और कई छोटे दलों का अतिरिक्त समर्थन प्राप्त था, जिससे वह 377 के आधे से भी ज्यादा बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर गया. एनडीए के पक्ष में क्रॉस-वोटिंग के संकेत भी मिले.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा देने की वजह से यह चुनाव जरूरी हो गया था.
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत के बाद राधाकृष्णन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति मुर्मू ने नई नियुक्ति होने तक गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
कोयंबटूर से दो बार सांसद और तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राधाकृष्णन का दशकों लंबा करियर जनसंघ से शुरू हुआ और फिर बीजेपी में शामिल हो गए.