जसवंतनगर: यमुना नदी में बाढ़ के पानी के साथ मगरमच्छों की बढ़ती मौजूदगी ने नदी किनारे बसे गांवों के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है. गुरुवार को नदी के अलग-अलग हिस्सों में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों की नींद उचट गई. ग्रामीणों ने बताया कि घुराह गांव में रामनाथ के मकान के पास एक मगर दो दिन तक बैठा रहा. वहीं, खंदिया गांव के पास पुलिया के नीचे मोहन सिंह, गंभीर सिंह, किशुन सिंह, मेघनाथ, बृजेन्द्र, विजेन्द्र सिंह, रामबहादुर सिंह, वेनिराम, गंगाश्री, माजाराम, जयपाल, कुँअरपाल, राजवीर, प्रवीन और सुनील समेत कई ग्रामीणों ने एक साथ तीन से चार मगरमच्छ देखे.
बाढ़ से गलियों और खेतों में कई फुट पानी भर जाने के कारण ग्रामीणों को डर है कि मगरमच्छ घरों तक पहुंच सकते हैं. कई परिवार छतों पर शरण लिए हुए हैं, जबकि खुले में बंधे मवेशी सबसे अधिक खतरे में हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रात के अंधेरे में पानी की हलचल से अक्सर लोग सहम जाते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बाढ़ के दौरान मगरमच्छों की सक्रियता बढ़ती है, लेकिन इस बार स्थिति कहीं ज्यादा भयावह है. उन्होंने वन विभाग और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन केवल आश्वासन देकर चुप बैठा है.