पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगर निगम पर सरकारी भवन का संपत्ति कर जमा करने नोटिस भेजने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस पर हैरानी जताई है और इंटरनेट मीडिया एक्स पर बिल को साझा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
हालांकि, महापौर मीनल चौबे का कहना है कि नोटिस नहीं, गलती से ऑनलाइन जनरेटेड डिमांड बिल सेंड हो गया है।
बघेल ने एक्स पर लिखा है कि मैं, मुख्यमंत्री साय को 7,258 रुपये अदा करने का वचन देता हूं। शासकीय आवास में संपत्ति कर नहीं लगता है फिर भी जिस पाटन सदन को खाली किए पौने दो साल हो गए, उसके लिए विष्णु सरकार ने नोटिस भेजा है।
इसमें बताया गया है कि 7,258 रुपये का भुगतान करना है। भले ही यह नोटिस अवैध हो, फिर भी मुख्यमंत्री की इच्छा पूरी करूंगा। अच्छा है कि वे भी तैयार रहें क्योंकि उनकी सरकार ”कुनकुरी सदन” का भी तो टैक्स मांगेगी।
इधर, मीनल चौबे का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री को नोटिस नहीं भेजा गया है। यह ऑनलाइन जनरेटेड डिमांड बिल है। प्रापर्टी आइडी पर 2019 से 25 तक इसी नाम से भुगतान किया गया है। वर्तमान में भवन आवंटन अपडेट नहीं होने की वजह से बिल सेंड हो गया है। इसे जल्द अपडेट करा लिया जाएगा।