बिहार: शहीदों के सम्मान में निकाली जा रही तिरंगा यात्रा, निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में उमड़ा जनसैलाब

जमुई : शुक्रवार को देश के लिए जान न्योछावर करने वाले वीर शहीदों के सम्मान में तिरंगा यात्रा  नेचर विलेज के संस्थापक एवं राष्ट्र गुणगान यात्रा के सूत्रधार व पूर्व सीओ निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रही राष्ट्र गुणगान तिरंगा यात्रा का जोश और उत्साह भरा बरकरार रहा. पहले के कवायदों की तरह इस बार भी यात्रा ने ग्रामीण अर्थविकास, स्वदेशी अपनाने और स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को मुख्य विषय बनाकर कई गांवों में बलपूर्वक पैठ बनाई. आयोजनकर्ताओं के अनुसार यात्रा का उद्देश्य युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का सशक्त संचार करना तथा क्षेत्रीय समस्याओं को जन-जन तक पहुंचाना है.

रास्ते-रास्ते कार्यक्रम और जनसमर्थन : 

खैरी से शुरू हुई यात्रा खड़गौड़, उगनीचक, पुतेरिया, अमरथ और भगवाना होते हुए संथू तक पहुंची. हर पड़ाव पर स्थानीय लोगों ने तिरंगा और पुष्पों से स्वागत किया. जगह-जगह छोटे कार्यक्रम आयोजित किए गए और देशभक्ति के नारे बुलंद किए. वहीं इस दिन यात्रा में सैकड़ों गाँववासी और युवा शामिल हुए तथा कई स्थानों पर सैकड़ों मीटर तक तिरंगे लेकर जुलूस निकाला गया.

मुख्य आकर्षण — संदेश और गतिविधि :

नेचर विलेज के संस्थापक एवं राष्ट्र गुणगान यात्रा के सूत्रधार व पूर्व सीओ निर्भय प्रताप सिंह ने ग्रामीण सभा में कहा कि तिरंगा यात्रा केवल झंडा लहराने का नाम नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति दायित्व का एहसास कराना है. उन्होंने स्वदेशी उत्पाद अपनाने, स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने और किसानों के कल्याण पर जोर दिया. साथ ही युवा वर्ग को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार व उद्यमिता की ओर आने का संदेश दिया गया. यात्रा के दौरान आयोजित प्रेरक सत्रों में न केवल स्वतंत्रता सेनानी की गाथाएँ सुनाई गईं, बल्कि कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थानीय चुनौतियों पर भी चर्चा हुई.

स्थानीय प्रतिक्रियाएँ व राजनीतिक पृष्ठभूमि :

यात्रा के प्रति ग्रामीणों में उत्साह स्पष्ट दिखा — कई बुजुर्गों ने कहा कि इस तरह की पहल युवाओं में इतिहास की समझ बढ़ाएगी. कुछ स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी यात्रा में शामिल हुए. वहीं राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने बताया कि चुनावी माहौल के बीच ऐसी यात्राओं का राजनीतिक प्रतिपेक्ष्य भी बनता है. वहीं निर्भय प्रताप सिंह ने इसे सिरे से खारिज करते हुए बार-बार कहते रहे कि उनका उद्देश्य केवल राष्ट्र-गौरव व सामाजिक जागरण है, न कि वोट मांगना.

आगे की रूपरेखा :

आगे निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि यह यात्रा लगातार जारी रहेगी और आने वाले दिनों में न केवल और गांवों तक जाएगी बल्कि विद्यालयों में विशेष सत्र, वृक्षारोपण और स्वरोजगार पर कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएँगी. निर्भय प्रताप सिंह ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस अभियान को स्वयं का बनाकर आगे बढ़ाएँ और आने वाले चुनावों में भी सशक्त नागरिक भागीदारी सुनिश्चित करें.

बताते चलें कि यह यात्रा क्षेत्र में जन-आन्दोलन की एक नई लहर दिखाई दी है — चाहे वह राष्ट्रभक्ति की भावना हो, स्वदेशी अपनाने का संदेश हो या गांव-स्तरीय विकास की माँग — तमाम पहल अब जन समर्थन पर टिकी दिख रही हैं और इससे स्थानीय पॉलिटिकल परिदृश्य पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है.

Advertisements
Advertisement