भूपेश बघेल का सरकार पर वार: कहा- सिर्फ मुझे नोटिस क्यों, सरकारी आवास में तो नेता-अधिकारी भी रहते हैं; नेपाल की घटना को बताया लोकतंत्र के लिए अलार्मिंग

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार दिल्ली के रवना हुए। एयरपोर्ट में उन्होंने को कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। निगम की ओर से भेजे गए संपत्ति कर के नोटिस से लेकर बघेल ने कहा की अजीब बात है कि केवल मुझे ही नोटिस भेजा गया। शासकीय आवासों में नेता और अधिकारी भी रहते हैं, उन्हें नोटिस क्यों नहीं दिया गया?”

हाल ही में हुई नक्सल मुठभेड़ पर बघेल ने जवानों की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि नक्सलवाद खत्म हो, मगर यह भी ध्यान रखा जाए कि गरीब आदिवासी न मारे जाएं। कई घटनाओं में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताया गया है।

सरकार धान खरीदना ही नहीं चाहती

भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साल जो धान खरीदी हुई थी, वह अब तक राइस मिलों में जमा नहीं हुआ है और धान अभी भी संग्रहण केंद्रों में पड़ा है। सितंबर–अक्टूबर के बाद अर्ली वैरायटी का धान आने लगेगा, लेकिन खरीदी प्रभावित होगी।

ऊपर से खाद की कमी, बिजली कटौती और मनमानी हो रही है। किसानों का रजिस्ट्रेशन भी सही से नहीं हो रहा। खासकर नगर पंचायत और पालिका क्षेत्रों में किसी का पंजीयन हुआ है तो किसी का नहीं। जिन किसानों की जमीन दो गाँवों में है, उनका भी एक गाँव की जमीन का पंजीयन हो रहा है और दूसरे का नहीं। बघेल ने कहा कि ऐसे में किसान धान कहाँ बेचेंगे? यह बहुत गंभीर स्थिति है। समय भी कम बचा है और बड़ी संख्या में किसान परेशान और आने वाले दिनों में धान खरीदी को लेकर अफरा तफरी मचने वाली है।

कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था को लेकर बघेल ने कहा प्रदेश की स्थिति तार-तार हो चुकी है। सभी शहर में हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती और नशे की गिरफ्त में हैं। बघेल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी स्वीकार कर रहे हैं कि उनके राजनांदगांव विधानसभा में नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है।

सरकार ने भी इसे स्वीकार किया है। और एक टीआई पर कार्रवाई की गई है। लेकिन ये कार्रवाई तीन हत्याएं होने की बाद हुई है रायपुर और बड़े शहरों में आए दिन चाकूबाजी की घटनाएं हो रही हैं। इसका कारण यही है कि सूखे नशे का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। सरकार इसमें कुछ नहीं कर पाए हैं।

विजय शर्मा बताए प्रदेश में कितने पाकिस्तानी नागरिक

गृहमंत्री विजय शर्मा द्वारा छत्तीसगढ़ में SIR की मांग पर बघेल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा SIR करवाना निर्वाचन आयोग का काम है। प्रमाणित करना जनता का काम नहीं होना चाहिए। मैं विजय शर्मा से पूछता हूं कि प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिक कितने हैं? और कितने को वापस भेजा गया है।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान के लोगों को। बाहर किया जाए। ऑपरेशन सिंदूर को हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज तक विजय शर्मा यह नहीं बता पाए कि कितने पाकिस्तानी यहां हैं, कितनों की पहचान हुई और कितनों को बाहर भेजा गया है।

नेपाल की घटना सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए अलार्मिंग

भूपेश बघेल ने कहा कि भारत सरकार का पूरा इंटेलिजेंस राहुल गांधी के पीछे लगा हुआ है कि वे कहां आ रहे हैं, कहां जा रहे हैं । लेकिन नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी पड़ोसी देशों की घटनाओं पर इंटेलिजेंस का ध्यान नहीं है। हमारे पड़ोसी देशों की घटनाओं का असर होता है।

बघेल ने कहा कि श्रीलंका में विवाद के दौरान लोग राष्ट्रपति भवन में घुस गए और सत्ता बदल गई। बांग्लादेश में राष्ट्रपति को भागना पड़ा और वहां निष्पक्ष व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी गई। अब नेपाल में जो हुआ, वह चौंकाने वाला और चिंताजनक है। न केवल संसद ठप की गई, बल्कि ज्यूडिशियरी भी प्रभावित हुई। सभी दलों के नेताओं को मारा-पीटा गया, एयरपोर्ट जला दिए गए और मीडिया संस्थानों पर पहली बार हमले हुए।

लोकतंत्र में मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है। नेपाल में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ मीडिया पर भी हमला हो, तो यह पूरे लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरनाक संकेत है। यह सिर्फ नेपाल नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए अलार्मिंग है।

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