उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के हरिहरपुररानी ब्लॉक की ग्राम पंचायत ककरदरी में राप्ती हरे भरे खेतों को निगल रही है। नदी ने कटान रोकने के लिए बनाए गए ठोकर भी क्षतिग्रस्त कर दिए हैं. इससे गांव में दहशत का माहौल है. हालांकि, जलस्तर बढ़ने से कटान की रफ्तार थोड़ी कम हुई है, इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
नेपाल के भोज भगवानपुर से निकलकर राप्ती नदी भारत के ककरदरी गांव से होकर गुजरती है. ग्रामीणों ने बताया कि बीते साल नदी ने मरी माता मंदिर को जोड़ने वाले इंटरलॉकिंग मार्ग का बड़ा हिस्सा काट लिया था. इस बार नो मेंस लैंड से ककरदरी जाने वाले मार्ग पर बने पुल को चपेट में ले रही है.
कटान रोकने के लिए बनाए गए ठोकरों को भी नदी ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. गांव निवासी कमामाश शेख ने बताया कि नदी में उनका धान लगा 10 बीघा खेत समाहित हो गया। इससे परिवार के भरण-पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है.
किसान दुखा आर्य का 15 बीघा खेत, त्रिभुवन का 20 बीघा खेत, काशीराम का 30 बीघा खेत व लोकाई का 12 बीघा खेत नदी में समाहित हो चुका है. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार को ठोकर पर रुपये खर्च करने के बजाय कटान रोकने के स्थायी समाधान पर विचार करना चाहिए, ताकि हम सब सुरक्षित रह सकें.