जितिया व्रत का नहाय-खाय आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और उपाय

भारत और नेपाल में माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए इस व्रत को बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से करती हैं. जितिया का यह पर्व मातृत्व, त्याग और संतान के प्रति प्रेम का प्रतीक है. नहाय-खाय और ओठगन मुहूर्त के सही पालन से व्रत फलदायी बनता है और मां की भक्ति संतान की रक्षा और सुख-समृद्धि सुनिश्चित करती है.

नहाय-खाय मुहूर्त 2025

2025 में नहाय-खाय 13 सितंबर को होगा. अष्टमी तिथि 14 सितंबर सुबह 8:51 AM से प्रारंभ होकर 15 सितंबर सुबह 5:36 AM तक रहेगी. इस दिन मां स्नान करके शुद्ध होकर पौष्टिक भोजन ग्रहण करती हैं और व्रत की तैयारी पूरी करती हैं. नहाय-खाय का पालन करने से व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बढ़ जाता है.

ओठगन मुहूर्त 2025

ओठगन 15 सितंबर को है. इसे सूर्योदय से पहले, यानी सुबह 6:27 AM तक पारण करना अनिवार्य है. ओठगन का महत्व यह है कि व्रत का पारण सही समय पर करने से मां की भक्ति पूर्ण होती है और व्रत फलदायी माना जाता है.

जितिया व्रत की पूजा विधि

  1. घर और पूजा स्थल को साफ करें और शुद्ध वातावरण तैयार करें.
  2. पूजा थाली में भगवान जीमूतवाहन की प्रतिमा या फोटो रखें.
  3. भोग के रूप में नोनी/नेनी साग, फल और अन्य पारंपरिक भोग अर्पित करें.
  4. पूरे दिन निर्जला उपवास रखें और संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुख-शांति की प्रार्थना करें.
  5. पारंपरिक जितिया गीत और मंत्रों का जाप करें.
  6. दिन के अंत में दीपक प्रज्वलित करके संतान की भलाई की कामना करें.

जितिया व्रत का महत्व

जितिया व्रत मातृत्व, त्याग और संतान के प्रति प्रेम का प्रतीक है. माता का यह त्याग और भक्ति बच्चों की लंबी उम्र और सुख-शांति सुनिश्चित करती है. हंस का प्रसंग और भगवान जीमूतवाहन की कथा इसे केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और पारिवारिक उत्सव भी बनाती हैं.

विशेष उपाय और ध्यान रखें

घर में साफ-सफाई और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें.

पूजा और व्रत के दौरान मन शांत और भक्ति भाव से भरा होना चाहिए.

संभव हो तो दान करें, इससे व्रत का फल अधिक प्रभावशाली होता है.

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