‘झूठ बोल रहे, पूरी उनकी प्लानिंग’, गाजीपुर में BJP कार्यकर्ता की मौत के बाद निशाने पर SP

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में रुकूनुद्दीनपुर गांव में बीते दिनों बीजेपी कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय की मौत के बाद हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. उपाध्याय की मौत के बाद गांव वालों का गुस्सा पुलिस पर निकल रहा है. इसके साथ ही पूरे मामले पर बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राम तेज पांडे ने पुलिस अधीक्षक पर लाठीचार्ज करवाने का आरोप लगाया है.

राम तेज पांडे ने कहा कि पुलिस अधीक्षक झूठ बोल रहे हैं और उन्हीं के प्लानिंग पर यह पूरी कार्रवाई की गई है. पूर्व में भी इस पुलिस अधीक्षक के द्वारा अपने कार्यालय में बुलाकर कार्यकर्ता को लाठी से पीटा गया है. बीजेपी नेता ने पुलिस और थाने को लूट का केंद्र बताया है,

उन्होंने पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने और दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की है. इसके साथ ही मजिस्ट्रेरियल जांच पर भी उठाए सवाल कहना हैं. उनका कहना है कि एडीएम से मिलीभगत की जांच करेंगे.

अधिकारियों पर नहीं भरोसा- तेज पांडे

बीजेपी नेता ने कहा कि गाजीपुर के अधिकारियों के जांच पर भरोसा नहीं है. जांच करना है तो न्यायिक अधिकारियों से कराई जाए जांच हाई कोर्ट का कोई न्यायाधीश इस मामले की जांच करे. अभी इस मामले में कोई FIR नहीं लिखी गई है जो तहरीर दी गई थी. पुलिस परिवार के द्वारा दिए गए तहरीर को बदलने का आरोप भी लगाया है. पूर्व में भी सैदपुर तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ रामतेज पांडे धरना और प्रदर्शन कर चुके हैं.

प्रदेश में गुंडाराज का बोलबाला

गाजीपुर की घटना को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रदेश जंगलराज से प्रभावित हो गया है. हले दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को चुन कर उन्हें निशाना बनाया गया. उनके ऊपर मुकदमे और बुलडोजर से उनके मकान गिराने का काम हुआ. ये सब उस अराजकता के कारण है जो गुंडा राज में होती है. आज जो गाजीपुर में हुआ है वो उसी अराजकता की देन है. यदि प्रदेश में कानून का राज होता तो आज ये सब नहीं होता. जब-जब गुंडा राज होती है तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है.

क्या है पूरा मामला?

गाजीपुर में रुकूनुद्दीनपुर में BJP कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय की मौत हो गई थी. इस मौत के पीछे गांव वालों ने पुलिस को जिम्मेदार बताया है. गांव वालों का आरोप है कि बीते 9 सितंबर की रात गांव की समस्याओं को लेकर थाने पर शांति से धरना प्रदर्शन कर रहे सीताराम को पुलिस ने बर्बरता से लाठियों से पीटा था. इसके कारण उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं, जिनकी गुरुवार सुबह मौत हो गई. पूरा प्रदर्शन बिजली के पोल की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था.

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