किशनगढ़: फर्जी बिलों से करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा, DGGI की बड़ी कार्रवाई

ब्यावर: मार्बल नगरी किशनगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है. फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के मामले में DGGI (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस) ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है. शुक्रवार सुबह से ही DGGI की 6 टीमें किशनगढ़ के मार्बल एरिया में सक्रिय हैं. डोम मार्बल सहित कई प्रतिष्ठानों और ट्रांसपोर्टरों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई.

सूत्रों के अनुसार, जांच में मजदूरों के नाम पर बनाई गई फर्जी कंपनियों से निकाले गए बिलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी को अंजाम दिया गया.  डोम मार्बल पर दस्तावेजों और पुराने रिकॉर्ड्स को खंगाला जा रहा है. इसके अलावा, कई ट्रांसपोर्ट एजेंसियों के लेनदेन भी संदेह के घेरे में हैं.

जयपुर और उदयपुर से आई टीम कर रही जांच

DGGI की टीमें जयपुर और उदयपुर से विशेष रूप से इस कार्रवाई के लिए पहुंची हैं. यह कार्रवाई केवल एक कंपनी या संस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. पूर्व में नरेंद चौधरी, हंसराज गुर्जर, बलवीर चौधरी और भरत के ठिकानों पर भी इसी तरह की कार्रवाई में लगभग 60 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी। उस मामले में बलवीर और भरत अब भी फरार चल रहे हैं।

व्हाट्सएप चैट और दस्तावेज बने जांच का आधार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जब्त किए गए दस्तावेजों और व्हाट्सएप चैट में कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जिनके माध्यम से फर्जी लेनदेन किए गए. अब इन सभी के खिलाफ टैक्स रिकवरी की दिशा में कार्रवाई की जा रही है.

शाम तक सामने आ सकती है रिकवरी की असल तस्वीर

फिलहाल सुबह से शुरू हुई कार्रवाई देर शाम तक चलने की संभावना है. इसके बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि कुल कितनी टैक्स चोरी का आंकड़ा सामने आया है. किशनगढ़ के मार्बल व्यवसायियों में इस कार्रवाई के बाद खलबली मच गई है.

 

 

 

 

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