प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की जनता से एक भावुक अपील करते हुए कहा कि राज्य के मैतेई और कुकी समुदायों को अब आपसी मतभेद खत्म कर शांति और सद्भाव की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ और घाटी के बीच ऐसा पुल बनना चाहिए, जो स्थायी भाईचारे और विश्वास का प्रतीक बने।
मणिपुर में पिछले साल शुरू हुई जातीय हिंसा ने राज्य को गहरे जख्म दिए। इस हिंसा ने न केवल जान-माल का नुकसान किया बल्कि समाज में दूरियां भी बढ़ा दीं। पीएम मोदी ने इस दर्दनाक स्थिति को याद करते हुए कहा कि अब समय है कि लोग मिलकर अतीत की कड़वाहट भूलें और एकजुट होकर विकास की ओर कदम बढ़ाएँ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह मणिपुर भी शांति, प्रेम और भाईचारे का गढ़ बन सकता है। इसके लिए दोनों समुदायों को धैर्य और संवाद का रास्ता अपनाना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि अगर पहाड़ और घाटी के लोग एक साथ खड़े होंगे तो मणिपुर का भविष्य उज्ज्वल होगा।
पीएम मोदी ने युवाओं से खासतौर पर अपील की कि वे हिंसा से दूर रहें और शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता के रास्ते पर आगे बढ़ें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार राज्य में शांति बहाल करने और विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
मणिपुर की यह अपील केवल दो समुदायों के बीच सद्भाव के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि विविधता में एकता ही भारत की असली ताकत है। पीएम मोदी ने कहा कि जब पहाड़ और घाटी एक-दूसरे का हाथ थामेंगे, तभी मणिपुर सच्चे मायनों में अमन और प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा।