अहमदाबाद में इंसानियत और किस्मत का ऐसा संगम देखने को मिला जिसने सभी को भावुक कर दिया। यहां 15 साल से लापता एक मूक-बधिर युवक अपने परिवार से दोबारा मिला और उसकी पहचान का आधार बना उसके हाथ पर बना ‘राम-सीता’ का टैटू।
जानकारी के मुताबिक, युवक सालों पहले घर से बिछड़ गया था और बोलने-सुनने में अक्षम होने की वजह से अपनी पहचान बताने में असमर्थ था। पुलिस और सामाजिक संस्थाओं ने कई बार उसे परिवार से मिलाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। इस बीच अहमदाबाद पुलिस को एक शेल्टर होम में रह रहे युवक के बारे में जानकारी मिली।
पुलिस ने जब युवक की जांच की तो उसके हाथ पर बना ‘राम-सीता’ का टैटू सामने आया। इस निशान को आधार मानकर पुलिस ने पुराने गुमशुदा मामलों को खंगाला और आखिरकार परिवार तक पहुंच बनाई। जैसे ही परिजनों को यह सूचना मिली, वे तुरंत शेल्टर होम पहुंचे।
परिवार वालों ने युवक को देखते ही पहचान लिया और गले लगाकर रो पड़े। इतने लंबे समय बाद अपने बेटे को सामने देख परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पुलिस अधिकारियों ने भी इस पल को बेहद भावुक करार दिया और कहा कि यह घटना इंसानियत और उम्मीद की मिसाल है।
पुलिस ने बताया कि गुमशुदा मामलों में अक्सर छोटे-छोटे सुराग अहम भूमिका निभाते हैं। इस केस में टैटू वह सुराग बना जिसने एक परिवार को दोबारा एकजुट कर दिया। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद पुलिस की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह काम केवल कानून-व्यवस्था का नहीं बल्कि मानवता का भी है।
यह घटना साबित करती है कि इंसान चाहे कितनी भी मुश्किलों से गुजरे, उम्मीद का दामन थामे रहना चाहिए। आखिरकार 15 साल बाद ‘राम-सीता’ टैटू ने एक बेटे को उसकी मां-बाप की गोद में पहुंचा दिया।