जबलपुर में पांच साल बाद पति-पत्नी के रिश्ते में फिर आई मिठास, वरमाला पहनाकर मनाया मिलन

जबलपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने यह साबित कर दिया कि समझाइश और बातचीत से किसी भी रिश्ते को दोबारा मजबूत किया जा सकता है। गोंदिया निवासी पति और जबलपुर निवासी पत्नी के बीच पांच साल से चल रहे मनमुटाव को राष्ट्रीय लोक अदालत ने सुलझाया और दोनों को फिर से साथ रहने के लिए प्रेरित किया।

दरअसल, पति-पत्नी का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है, लेकिन समय-समय पर छोटी-छोटी गलतफहमियों के कारण रिश्ते कमजोर पड़ सकते हैं। इसी तरह की गलतफहमी के चलते दोनों अलग रहने लगे थे। इस अवधि में उनके बीच कुटुम्ब न्यायालय में वैवाहिक पुनर्स्थापना का प्रकरण लंबित था। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में तृतीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश मुकेश कुमार दांगी की अध्यक्षता में युगलपीठ ने दोनों पक्षों से वार्ता की और समझाइश कर उन्हें मिलन के लिए प्रेरित किया।

अदालत की इस पहल के परिणामस्वरूप पति-पत्नी ने पुराने गिले-शिकवे भुला कर साथ रहने का निर्णय लिया। कोर्ट में ही एक बार फिर वरमाला पहनाई गई और मिठाई खिलाकर मिलन का जश्न मनाया गया। इस अवसर पर दोनों एक-दूसरे की ओर देखकर मुस्कुराए और हाथ थामकर घर की ओर लौटे। उन्होंने यह वचन भी दिया कि अब किसी भी परिस्थिति में अलग नहीं होंगे।

अदालत ने शगुन की राशि और मिठाई दोनों पक्षों को मुहैया कराई, जिससे यह मिलन और भी खास बन गया। इस मामले में अधिवक्ता अभिषेक सोनी और डाली सोनी ने कोर्ट में सहयोग दिया। इस घटना ने यह संदेश दिया कि रिश्तों में धैर्य, समझदारी और बातचीत का महत्व बहुत अधिक है।

स्थानीय लोगों ने इस घटना की सराहना की और इसे आदर्श उदाहरण माना। उन्होंने कहा कि कई बार रिश्तों में छोटी-छोटी गलतफहमियां बड़ी दूरियों का कारण बन सकती हैं, लेकिन सही समय पर बातचीत और समझाइश से इन्हें सुलझाया जा सकता है।

इस पूरी प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया कि प्यार और विश्वास के रिश्ते हमेशा नाजुक होते हैं, लेकिन अगर दोनों पक्ष ईमानदारी से कोशिश करें तो पांच साल का फासला भी पिघलाया जा सकता है। जबलपुर में यह मिलन न केवल पति-पत्नी के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरक कहानी बन गई है।

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