लंदन की सड़कों पर शनिवार को भारी हंगामा देखने को मिला, जब ‘यूनाइट द किंगडम’ नामक संगठन द्वारा निकाली गई एंटी-इमिग्रेशन रैली में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, कई जगहों पर बैरिकेड तोड़े गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बताया जा रहा है कि रैली में शामिल लोग ब्रिटेन में बढ़ती इमिग्रेशन नीतियों का विरोध कर रहे थे। उनका आरोप है कि बड़ी संख्या में हो रही आव्रजन गतिविधियां स्थानीय लोगों के रोजगार और सामाजिक ढांचे पर असर डाल रही हैं। जैसे ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ी, पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने आंसू गैस और बल प्रयोग का सहारा लेकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की।
इस पूरे घटनाक्रम में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, कई जगहों पर यातायात प्रभावित हुआ और आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रैली के कारण लंदन के कई इलाकों में दुकानें और बाजार बंद कर दिए गए।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
इस रैली ने एक बार फिर ब्रिटेन में इमिग्रेशन मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शनों से साफ है कि यह विषय आने वाले दिनों में राजनीति और समाज दोनों के लिए बड़ी चुनौती बनने वाला है। सरकार अब दबाव में है कि वह नीतियों पर दोबारा विचार करे और लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए।