भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर सियासत गरमा गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि एक ओर 26 भारतीयों की जान गई थी और दूसरी ओर अब उसी देश के साथ क्रिकेट खेलकर मुनाफा कमाने की बात की जा रही है। ओवैसी ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार के लिए ज्यादा कीमती क्या है – देशवासियों की जान या पैसा?
ओवैसी ने कहा कि जब आतंकवादी हमलों में भारतीय नागरिकों ने अपनी जान गंवाई, तब भाजपा नेताओं ने पाकिस्तान के साथ बातचीत और रिश्तों को लेकर सख्त रुख अपनाया था। लेकिन अब वही पार्टी भारत-पाक मैच कराने की पक्षधर दिख रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या शहीदों के परिवारों की पीड़ा इतनी जल्दी भुला दी गई?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा केवल वोट और कारोबार की राजनीति कर रही है। ओवैसी के मुताबिक, अगर सरकार वास्तव में आतंकवाद और दुश्मन देश के खिलाफ सख्त है, तो उसे क्रिकेट सहित हर स्तर पर संबंधों को खत्म करना चाहिए। लेकिन सरकार के कदमों से लगता है कि उसे आर्थिक लाभ ज्यादा प्रिय है।
ओवैसी के इस बयान ने राजनीतिक हलचल और तेज कर दी है। भाजपा के कई नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए। उनके अनुसार, क्रिकेट मैचों को नफरत फैलाने या राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
वहीं, कुछ विपक्षी दलों ने ओवैसी के बयान का समर्थन किया है और सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर आतंकवाद से प्रभावित देश के साथ खेल संबंध बनाए रखने का औचित्य क्या है।
भारत-पाकिस्तान मैच हमेशा से ही भावनाओं, राजनीति और विवादों से जुड़ा मुद्दा रहा है। अब ओवैसी की टिप्पणी ने इस बहस को और भड़का दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस आलोचना का क्या जवाब देती है और क्रिकेट बोर्ड इस मामले में क्या रुख अपनाता है।