मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन इंदौर, भोपाल, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। शनिवार को धार, सिंगरौली सहित कई जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई। रविवार को भी आठ जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश के बीच से गुजर रही मानसून टर्फ और सक्रिय सिस्टम की वजह से बारिश का दौर बना रहेगा। अब तक प्रदेश में औसतन 41.9 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक है। 30 से ज्यादा जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। हालांकि मालवा-निमाड़ के कुछ जिलों—खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, शाजापुर और बड़वानी—में बारिश सामान्य से कम हुई है।
गुना जिले में अब तक 65 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि मंडला और श्योपुर 57 और 56 इंच के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वहीं, खरगोन में सबसे कम 25.7 इंच पानी गिरा है।
ग्वालियर-चंबल, रीवा और सागर संभाग में इस सीजन में जमकर बारिश हुई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जैसे जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी। श्योपुर जिले में अब तक सामान्य से 213 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है।
पांच बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में पिछले चार साल से सितंबर माह की औसत बारिश से ज्यादा पानी गिर रहा है। इंदौर में 1954 में 30 इंच बारिश का रिकॉर्ड बना था, वहीं इस साल भी बारिश सामान्य से काफी ज्यादा होने की उम्मीद है। ग्वालियर में 1990 में 25 इंच और जबलपुर में 1926 में 32 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। उज्जैन में 1961 में सितंबर माह में 43 इंच पानी बरस चुका है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी। लेकिन उससे पहले अगले तीन दिन प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। किसानों और आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।