छत्तीसगढ़ में मानसून फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक प्रदेश में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। रविवार को जारी चेतावनी के मुताबिक 28 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना है। बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा और कबीरधाम जिलों को छोड़कर बाकी सभी हिस्सों में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है।
पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश भोपालपटनम में दर्ज की गई, जहां 52.2 मिमी पानी बरसा। बलरामपुर जिले में अब तक सबसे अधिक 1367.4 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 51 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं बेमेतरा में सबसे कम 482.6 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से करीब 50 प्रतिशत कम है।
मौसम की मार से कई जगह हादसे भी हुए। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में बिजली गिरने से युवक और युवती की मौत हो गई। दोनों की लाश पेड़ के नीचे मिली। कोरबा जिले में भी पति-पत्नी पर बिजली गिरी। पति की मौके पर मौत हो गई, जबकि गर्भवती पत्नी की हालत गंभीर है।
बीते हफ्ते भारी बारिश से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। 200 से ज्यादा घर ढह गए और 2196 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट करना पड़ा। कई जगहों पर पुल टूटने से ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। बारसूर के स्टेट हाईवे 5 का पुल टूटने के बाद लोग सीढ़ी बांधकर आना-जाना कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बादलों में पानी की बूंदों और बर्फ के कणों के बीच रगड़ से बिजली का निर्माण होता है। कई बार यह बिजली इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है और पेड़, पानी या धातु जैसे कंडक्टरों से होकर इंसानों को अपनी चपेट में ले लेती है।
अगले तीन दिन छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में बारिश और आकाशीय बिजली का खतरा बना रहेगा। लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।