मैहर : बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों) की सूची में बड़ा घोटाला सामने आया है.जनपद और पंचायत स्तर पर नियमों की अनदेखी कर करीब 10 हजार अपात्र लोगों को बीपीएल कार्ड जारी कर दिए गए. यह मामला उस समय का है जब मैहर, सतना जिले का हिस्सा था.
तिघराकला के निवासी नागेंद्र तिवारी ने चार माह पहले आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) भोपाल में शिकायत दर्ज कराई.27 मई 2025 को 211 पन्नों की सूची के साथ शिकायत की गई। इसमें तहसीलदार और नायब तहसीलदार को बाईपास कर नाम जोड़े जाने का आरोप लगाया गया.
डेढ़ महीने के बाद भी ईओडब्ल्यू जांच नहीं आई
ईओडब्ल्यू ने 1 जुलाई 2025 को कलेक्टर मैहर को जांच के निर्देश दिए.अपर कलेक्टर ने 28 जुलाई को जनपद सीईओ और तहसील कार्यालय से रिपोर्ट मांगी.डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
शिकायतकर्ता के अनुसार सूची में कई संपन्न और प्रभावशाली लोगों के नाम शामिल हैं.फर्जी सर्वे
रिपोर्ट के आधार पर इन्हें बीपीएल कार्ड जारी किए गए. इस मामले में तत्कालीन जनपद सीईओ वेदमणि मिश्रा, आर.एन. शर्मा और बीपीएल प्रभारी दीपक मिश्रा की भूमिका संदिग्ध है.
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और राशि वसूली की जाएगी
अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह के अनुसार प्रारंभिक जांच में 200 से अधिक अपात्रों के नाम सामने आए हैं.
नियमानुसार तहसीलदार और नायब तहसीलदार की जांच के बाद ही नाम जोड़े जाते हैं.जनपद कर्मचारियों ने इस प्रक्रिया को नजरअंदाज कर सीधे नाम जोड़ दिए.दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और अपात्रों से राशि वसूली जाएगी.