महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां एक युवक ने जाति प्रमाणपत्र न मिलने की वजह से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. मृतक युवक की पहचान शिवाजी वाल्मिक मेल्ले के रूप में की गई है. मृतक युवक 32 साल का था. मामला जिले के निलंगा तालुका के दादगी गांव का बताया जा रहा है. युवक बच्चों के लिए जाति प्रमाणपत्र न मिलने से वह लंबे समय से परेशान था.
शिवाजी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था. जाति प्रमाणपत्र न मिलने से शिवाजी के बच्चों की छात्रवृत्ति और शैक्षणिक सुविधाएं बंद हो गई थीं. आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से घिरकर उसने शनिवार शाम बिजली का करंट लगाकर अपनी जान दे दी. घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है.
सुसाइड नोट में युवक ने क्या लिखा?
सुसाइड नोट में शिवाजी ने लिखा है, “मेरे दो बच्चे हैं, लेकिन जाति प्रमाणपत्र न मिलने से उनकी पढ़ाई रुक रही है. सरकार प्रमाणपत्र नहीं देती, इसलिए मैं यह कदम उठा रहा हूं.” एक स्थानीय नागरिक राम कालगे ने बताया कि शिवाजी लंबे समय से परेशान था. उन्होंने कहा, “अगर उसको समय पर जाति प्रमाणपत्र दे दिया जाता तो आज यह स्थिति नहीं आती.”
महादेव कोली समाज और स्थानीय लोगों का है ये आरोप
महादेव कोली समाज और स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीते दो वर्षों से प्रमाणपत्र और वैधता प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की जा रही है. 17 सितंबर को मराठवाड़ा भर में आंदोलन की भी घोषणा की गई थी. ऐसे में इस आत्महत्या की घटना से आंदोलन और उग्र हो सकता है. फिलहाल परिवार गहरे सदमे में है.
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल आर्थिक सहायता और निष्पक्ष जांच की मांग की है. इस घटना ने जाति प्रमाणपत्र की मौजूदा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.